यह एक ऐसा समय है, जब अधिकतर लोगों की आय घट रही है और कारोबार प्रभावित हैं। ऐसे में पेरेंट्स के लिए अपनी बेटियों की उच्च शिक्षा और शादी के खर्चों के बारे में चिंतित होना लाजमी ही है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हमेशा बड़े खर्चों के लिए पहले से ही तैयारी कर लेना बेहतर होता है। बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना काफी मददगार है। इस योजना में निवेश करके पेरेंट्स अपनी बेटियों की उच्च शिक्षा व शादी आदि खर्चों के लिए पैसा जुटा सकते हैं। सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) सरकार की एक स्मॉल डिपॉजिट स्कीम है, जो कि केवल बेटियों के लिए है।
ब्याज दर
इस योजना पर इस समय 7.6 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है। सरकार द्वारा इस योजना पर ब्याज दर को हर तीन महीने में तय किया जाता है। सरकार ने जुलाई से सितंबर तिमाही के लिए इस योजना पर ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है। SSY में अकाउंट खुलवाते समय जो ब्याज दर रहती है। उसी दर से पूरे निवेश काल में ब्याज मिलता रहता है। इस योजना के तहत बेटी की 21 साल की आयु होने पर रिटर्न पाया जा सकता है। योजना के नियमों के अनुसार, अगर पेरेंट्स ने बेटी की कम आयु में ही निवेश करना शुरू कर दिया है, तो वे 15 वर्षों तक योजना में निवेश कर सकते हैं।
21 साल की आयु में करोड़पति बन सकती है बेटी
अभिभावक अगर अपनी बेटी की कम आयु में ही सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करना शुरू कर दें, तो 21 साल की होने तक उनकी बेटी करोड़पति बन सकती है। पेरेंट्स अगर अपनी बेटी की एक साल की उम्र होने पर ही एसएसवाई अकाउंट में हर महीने 12,500 रुपये यानी डेढ़ लाख रुपये सालाना निवेश करें, तो एसएसवाई कैलकुलेटर के अनुसार, बेटी की 21 साल की उम्र होने पर कुल मैच्योरिटी रकम 63.7 लाख रुपये हो जाएगी। इसमें कुल जमा राशि 22.5 लाख रुपये और कुल ब्याज आय 41.29 लाख रुपये है। अगर मां-बाप दोनों ही अपनी बेटी के लिए निवेश करें, तो बेटी की 21 साल की उम्र होने पर कुल मैच्योरिटी राशि 1.27 करोड़ रुपये हो जाएगी। इस गणना में डिपॉजिट अवधि 15 साल और मैच्योरिटी की अवधि 21 साल है।
जमा की सीमा
इस योजना में न्यूनतम 1,000 और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किये जा सकते हैं। सुकन्या समृद्धि योजना में एक महीने में या एक साल में कितनी भी बार रुपये डिपॉजिट किये जा सकते हैं। इस योजना में बेटी के दसवीं कक्षा पास करने पर या उसके 18 साल पूरे करने पर खाताधारक उसकी उच्च शिक्षा के लिए आंशिक निकासी कर सकते हैं।
आयकर लाभ
एसएसवाई में सालाना डेढ़ लाख तक का निवेश आयकर छूट के योग्य होता है। पेरेंट्स सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश कर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत में आयकर छूट का लाभ ले सकते हैं। वहीं, इस योजना में ब्याज आय और मैच्योरिटी राशि पर भी आयकर छूट मिलती है।