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पंचायती चुनाव में महिलाओं को मिलेगा 50 फीसदी आरक्षण :हरियाणा

अब हरियाणा में भी पंचायती चुनाव में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण मिलेगा. हरियाणा सरकार ने इस फैसले को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने वीरवार को चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार के फैसले की जानकारी दी.

दुष्यंत ने कहा पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण मिलने से ग्रामीण विकास तेजी से हो सकेगा और महिला सशक्तिकरण भी बढ़ेगा.

बता दें कि पंचायती चुनाव को लेकर हरियाणा सरकार लगातार नए नए प्रयोग कर रही है. हरियाणा देश का पहला राज्य था जहां पंचायत चुनाव के लिए शैक्षणिक योग्यता की शर्त लगाई गई थी.

चाहे महिला हो या पुरुष वो सभी के लिए एक शैक्षणिक योग्यता की सीमा निर्धारित की गई थी. हालांकि इसका विरोध भी हुआ और मामला अदालत में पहुंचा.

सुप्रीम कोर्ट ने भी हरियाणा सरकार के इस फैसले पर अपनी मुहर लगाई जिसके बाद हरियाणा में अब सभी पंचायतोंं में पढ़े-लिखे जनप्रतिनिधि हैं और यही वजह है कि निचले स्तर पर विकास कार्य में काफी तेजी आई है.

विधानसभा के पटल पर बिल पारित होते ही बन जाएगा कानून

अपने इसी सिलसिले को जारी रखते हुए हरियाणा सरकार ने अब पंचायती चुनाव में महिलाओं को भी 50 फीसदी का आरक्षण देने का फैसला किया है. गठबंधन सरकार में सभी नेता इस फैसले को लेकर सहमत हैं

और हरियाणा विधानसभा का जो अगला सत्र है जिसे मॉसून सत्र कहा जाता है इसमें आरक्षण से संबंधित एक बिल लाया जाएगा.

विधानसभा के पटल पर बिल पारित होते ही यह कानून बन जाएगा और अगले चुनाव जो कि फरवरी 2021 में होने हैं उसमें इस आरक्षण का लाभ महिलाओं को होगा.

पूरे देश में करीब दो तिहाई हिस्से में पंचायती चुनाव में महिलाओं को 50 फीसदी का आरक्षण है. हरियाणा के पड़ोसी राज्यों में भी यह व्यवस्था पहले से है. अब हरियाणा सरकार ने भी लागू करने का मन बनाया है.

इसके साथ महिला प्रतिनिधियों को सशक्त करने के लिए और उन को प्रोत्साहित करने के लिए हरियाणा सरकार 100 महिला प्रतिनिधियों को स्कूटी देने जा रही है.

एक निजी ऑटोमोबाइल कंपनी के सहयोग से 100 स्कूटी उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिला प्रतिनिधियों को दी जाएगी

राज्य चुनाव आयोग के अनुसार हरियाणा में वैसे तो करीब 6800 के करीब पंचायतें हैं, 6100 पंचायतों में से 2565 महिला आरक्षित सरपंच हैं. इसी प्रकार से करीब 1400 पंचायतें अनुसूचित जाति के लिए, 1671 पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं

तो करीब 3079 पंचायतें सामान्य श्रेणी की हैं इसी तरह से करीब 60 हजार पंचायत सदस्यों में से 25 हजार 492 महिला आरक्षित हैं. 15,467 अनुसूचित जाति के लिए, 21124 पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं.

416 जिला परिषद सदस्यों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. 96 अनुसूचित जाति के लिए, जबकि 74 पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं.

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