प्रतापगढ़ में सपा कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाईं धज्जियां
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण का कहर बरप रहा है. शहर को डीएम ने तीन दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया है.
इसके साथ ही नगरपालिका क्षेत्रवासियों से घर में रहने की अपील कर रहे हैं.
इस बीच, समाजवादी पार्टी क्षेत्र में अपनी जड़ों को मजबूत करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है. सपा जिला अध्यक्ष छवि नाथ यादव की अगुवाई में बुधवार को आसपुर देवसरा इलाके में साइकिल रैली निकाली गई.
सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए सपाई कार्यकर्ताओं ने आधा दर्जन गांवों में भ्रमण किया.
सपा जिला अध्यक्ष के मुताबिक यह अभियान सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के निर्देश पर चलाया गया. पुलिस ने सपा की साइकिल
रैली को रोकने का प्रयास किया तो पुलिसकर्मियों से सपा नेता और कार्यकर्ताओं ने धक्का-मुक्की करते हुए रैली को आगे बढ़ाते रहे.
बाद में एसपी के निर्देश पर आसपुर देवसरा एसओ ने मास्क न लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने और धारा 144 के उल्लंंघन करने के आरोप में सपा जिला अध्यक्ष समेत 59 सपा नेताओं पर केस दर्ज किए.
पुलिस ने 29 नामजद और 30 अज्ञात के विरुद्ध आसपुर देवसरा में मुकदमा दर्ज किया है.
साइकिल रैली में कौन-कौन सपा नेता हुए थे शामिल?
दरअसल, बुधवार को सपा की नीतियों को गांव-गांव और घर-घर पहुंचाने और शासन के नीतियों का विरोध करने के लिए आसपुर देवसरा से होते हुए दलपत शाह गांव के रास्ते भाटी कुटी गांव पहुंचे थे.
इस दौरान सपा जिलाध्यक्ष छवि नाथ यादव, आसपुर देवसरा प्रमुख पति सभापति यादव, विजय यादव, अनीश खान, पप्पू यादव, रामबचन यादव, उमाशंकर यादव समेत सैकड़ों
सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने साइकिल रैली निकाल कर सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी का गुणगान किया.
कोरोना काल में जिलाध्यक्ष के विरुद्ध कई मुकदमें
कोरोना काल में सरकार के साथ-साथ विपक्ष भी कोरोना वायरस से जंग में सहयोग करने की बात करता है. भाजपा कोरोना काल में बड़े कार्यक्रम आयोजित नहीं कर रही है
लेकिन समाजवादी पार्टी प्रतापगढ़ के जिला अध्यक्ष छविनाथ को कोरोना महामारी से कोई लेना-देना नहीं है.
यही कारण है कि लॉकडाउन और जिले में धारा 144 लागू होने के बाद भी वह राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं. अभी तक कोरोना काल में सपा जिलाध्यक्ष के ऊपर चार मुकदमें दर्ज हो चुके हैं.
ये सभी मामले आसपुर देवसरा नगर कोतवाली और पट्टी में दर्ज किए गए हैं. कोरोना काल में धुंई गांव में हुए ब्राह्मण और पटेल के
बीच बवाल और मारपीट की घटना में न्याय के नाम पर जातिगत हवा देने पहुंचे सपा जिला अध्यक्ष समेत कई सपा नेताओं पर उस समय मामले दर्ज किए गए थे.