बिहार बड़ी खबर : RJD MLC ने लगाया बिहार में नकली मास्क मिलने का आरोप
कोरोना से बचना है तो मास्क पहनना ज़रूरी है. इस नारे की गूंज आपको हर तरफ सुनाई देगी लेकिन मास्क कैसा पहनना है ये जानना उतना ही ज़रूरी है, जितना मास्क पहनना.
अगर आपने सही मास्क नहीं पहना तो आपका कोरोना से बचने का हर उपाय विफल हो जाएगा.आपको बतादे छपरा की एक फैक्ट्री में, जहां बिस्कोमान सहकारी संस्था के अध्यक्ष और आरजेडी के एमएलसी ने कोरोना काल में एक फैक्ट्री लगाई है.
सुनील सिंह का दावा है कि इस फैक्ट्री में बना मास्क सबसे सटीक और सुरक्षित है. इसके साथ ही बेरोजगार लोगों को रोजगार देने का एक जरिया भी ये फैक्ट्री बन गई है.
सुनील सिंह बताते हैं कि लॉक डाउन के समय जब वह गांव में रहते थे, तो जो भी मास्क बांट रहे थे उसमें 90 प्रतिशत मास्क नकली आते थे क्योंकि कोई मास्क के बारे में जानता नहीं था
और ना ही भारत में उतना प्रोडक्शन ही था. सुनील सिंह ने कहा कि यहां से उन्हें मास्क तैयार करने का विचार आया.
आरजेडी एमएलसी बताते हैं हम लोगों ने सोचा कि क्यों न हम खुद यहां मास्क तैयार कर लोगो को दें, ताकि हम संक्रमण को बढ़ने से बचा सकें और इसी क्रम में यहां प्लांट बैठाया गया.
यहां कोई दूसरा प्लांट शुरू करने की तैयारी थी लेकिन हमने तात्कालिक जरूरत को देखते हुए मास्क बनाने की शुरुआत की.
सुनील सिंह ने मास्क के लिए बुनियादी बातों के बारे में भी बताया. उन्होंने बताया कोई भी मास्क तीन लेयर में होता है और बिना नोज पिन का कोई भी मास्क सही नही होता,
क्योंकि अगर नोजपिन नहीं है तो संक्रमण का खतरा बना रहता है. इसलिए इसका होना आवश्यक है. थ्री लेयर मास्क में भी जो मेल्डबॉन फेब्रिक होगा वही असली मास्क होगा अगर ये नहीं है, तो वो मास्क सही नही है.
इसके साथ ही लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हुए मजदूरों के लिए भी रोजगार का एक जरिया ये फैक्ट्री बनी है. फैक्ट्री में काम कर रही महिलाओं के बारे में राजद नेता बताते हैं
इन्हें गांव में जॉब नही मिलती है और ये पूरी तरह से ट्रेंड हैं. चेन्नई के ट्रेनर आकर इन्हें ट्रेनिंग देते हैं
वहीं फैक्ट्री में काम कर रही एक महिला कर्मचारी ने बताया दस दिन ही हुए हैं आये हुए. लॉक डाउन के कारण घर पर थे तो इन्होंने मौका दिया तो आकर काम कर रहे हैं. लॉक डाउन में इस तरह काम मिले तो अच्छा है, हमलोग सुरक्षित भी महसूस करेंगे.