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असम और बिहार में बाढ़ ने किया लगभग 40 लाख लोग प्रभावित

असम और बिहार में बाढ़ के हालात और भी ज्यादा गंभीर हो गए हैं और बाढ़ के कारण पांच और लोगों की मौत हो गई है. इन दोनों राज्यों में बाढ़ से करीब 40 लाख लोग प्रभावित हैं.

केंद्र सरकार असम, अरूणाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर के अन्य बाढ़ प्रभावित राज्यों में लगातार निगरानी कर रही है. देखें दोनों राज्यों से आईं बाढ़ की तस्वीरें. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने

अपनी बाढ़ संबंधी नियमित रिपोर्ट में बताया कि राज्य में पांच और लोगों की मौत बाढ़ के कारण हो गई है जिसके कारण 102 लोगों की मौत बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में हो चुकी है और 26 लोगों की मौत भूस्खलन के कारण हुई.

प्राधिकरण ने बताया कि असम में 24.76 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. सर्वाधिक 4.7 लाख से अधिक लोग गोवालपारा में प्रभावित हैं.

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास के लिये केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से बातचीत की और राज्य में आई बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए

बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिये और सामान्य स्थिति बहाल करने में उन्हें केंद्र की ओर से हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया.

वहीं, बिहार के 11 जिलों की 14,95,132 लोगों की आबादी बाढ़ से प्रभावित है और 13,6,464 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है. यहां कम से कम दस लोगों की मौत बाढ़ के कारण हुई है.

दरभंगा जिले में सबसे अधिक 12 प्रखंडों के 131 पंचायतों की 5,36,846 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बागमती नदी, बूढी गंडक

कमला बलान, लालबकिया, पुनपुन, अधवारा, खिरोई, महानंदा तथा घाघरा नदी विभिन्न स्थानों पर अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

बिहार के बाढ़ प्रभावित इन जिलों में बचाव और राहत कार्य चलाए जाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 25 टीमों की तैनाती की गयी है.

मब्बी गांव सहित उसके आसपास के सात—आठ गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से वहां के लोग राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 57 पर शरण लिए हुए हैं.

दरभंगा जिमौसम विभाग ने बिहार के 17 जिलों किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, दरभंगा, पूर्वी चम्पारण

पश्चिम चम्पारण, शिवहर, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, सहरसा, मधेपुरा, समस्तीपुर और खगड़िया में आज से 29 जुलाई तक बारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मानसूनी बारिश के कारण उफनायी नदियों की बाढ़ से अनेक पूर्वी इलाके चपेट में आ गये हैं.

भारत-नेपाल की सीमा से सटे इस जिले में बाढ़ से लोगों को बचाने के लिहाज से लाइफ-लाइन कहे जाने वाले करीब 110 किलोमीटर लम्बे तटबंधों की निगरानी के लिए सिंचाई विभाग अब ड्रोन कैमरों की मदद ले रहा है.

मानसून फिर जोर पकड़ेगा और 28 जुलाई को राज्य के पूर्वी हिस्सों में अनेक स्थानों पर बरसने वाले बादल 29 जुलाई को राज्य के ज्यादातर इलाकों को भिगोएंगे.

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