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राफेल लड़ाकू बेड़े के पांच विमानों को आज भारत के लिए रवाना

फ्रांस से भारत को मिलने वाले मल्‍टीरोल लड़ाकू विमान राफेल का इंतजार अब खत्‍म हो गया है. सोमवार को 5 राफेल लड़ाकू विमान भारत के लिए रवाना हो गए हैं.

इन विमानोंं ने दोपहर करीब 12:30 बजे फ्रांस के मेरिग्नाक बेस से भारत के लिए उड़ान भरी. ये बुधवार को भारत के अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे. भारत आने के दौरान ये पांचों विमान

संयुक्‍त अरब अमीरात में अबूधाबी के करीब अल-दफ्रा फ्रेंच एयरबेस पर रुकेंगे. वहां से ये बुधवार को अंबाला पहुंच जाएंगे. फ्रांस से खरीदे गए इन 5 राफेल में से दो ट्रेनर एयरक्राफ्ट हैं और तीन लड़ाकू विमान हैं.

वहीं पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन के साथ जारी सीमा गतिरोध के बीच राफेल जेट जंगी विमानों की पहली खेप को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही

वायुसेना उनमें 60 किलोमीटर तक मारक क्षमता की हवा से जमीन पर मार करने वाली नई पीढ़ी की मिसाइलें लगाने पर विचार कर रही है.

यह विमान विभिन्न प्रकार के शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम है. यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीएस की मिटोर, स्कैल्प क्रूज मिसाइल, मीका हथियार प्रणाली राफेल जेट विमानों के हथियार पैकेज में शामिल होंगे.

वायुसेना की नजर अब मध्य दूरी के हवा से जमीन पर लक्ष्य भेदने वाली मोड्यूलर हथियार प्रणाली हैमर की खरीद पर टिकी है

इसके लिए सरकार द्वारा सशस्त्र बलों को अहम हथियारों एवं शस्त्राास्त्रों की तीव्र खरीद के लिए प्रदत्त आपात वित्तीय शक्तियों का इस्तेमाल करने की योजना है.

हैमर फ्रांसीसी रक्षा कंपनी साफरान द्वारा विकसित बिल्कुल सटीक निशाना साधने वाली मिसाइल है. मूल तौर पर इसे फ्रांस की वायुसेना और नौसेना के लिए विकसित किया गया था.

चीन के साथ सीमा गतिरोध के मद्देनजर रक्षा मंत्रालय ने इस महीने सेना के तीनों अंगों को आपात अभियान संबंधी जरूरतों की पूर्ति के लिए 300 करोड़ रूपये के अलग-अलग पूंजीगत खरीद कार्यक्रम की विशेष शक्तियां प्रदान की हैं.

भारत ने लगभग 58 हजार करोड़ रुपये में 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इन 36 राफेल विमानों में से 30 लड़ाकू विमान और छह प्रशिक्षण देने वाले विमान होंगे.

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