अमेरिकी स्पेस एजेंसी मंगल ग्रह पर आज एक और रोवर करेगा लॉन्च
अमेरिकी स्पेस एजेंसी मंगल ग्रह पर 30 जुलाई को एक और रोवर लॉन्च करने जा रहा है. नासा के इस मिशन का नाम मार्स 2020 है. नासा ने मंगल पर अब तक 8 सफल मिशन पूरे कर लिए हैं.
बताया गया कि इस मिशन में नासा का रोवल मंगल की सतह पर पुराने जीवन की जानकारी इकट्ठा करने के साथ ही वहां से पत्थर और मिट्टी भी धरती पर लाएगा. इस रोवर के साथ एक Ingenuity नाम का एक छोटा हेलिकॉप्टर भी जाएगा. इसकी कोशिश होगी कि यह मंगल पर अकेले उड़ान भरे.
भारतीय मूल की वनीजा रूपाणी (17) ने हेलिकॉप्टर को इंजीन्यूटी नाम दिया है. हिंदी में इसका मतलब है किसी व्यक्ति का आविष्कारी चरित्र. वनीजा अलबामा नार्थ पोर्ट में हाई स्कूल जूनियर हैं.
मंगल हेलिकॉप्टर के नामकरण के लिए नासा ने ‘नेम द रोवर’ नाम से एक प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसमें 28,000 प्रतियोगी शामिल हुए थे. इसमें वनीजा की ओर से सुझाए गए नाम को फाइनल किया गया.
नासा ने बताया कि मंगल के एटमासफियर में यह छोटा हेलिकॉप्टर सतह से 10 फीट ऊंचा उठकर एक बार में 6 फीट तक आगे जाएगा. इसके साथ ही वह और आगे बढ़ेगा. नासा में इस प्रोजेक्ट के मैनेज मिमि आंग ने कहा कि यह उड़ान उतनी ही रोमांचक होगी जितना पहली बार राइट ब्रदर्स के लिए रही होगी.
इस मिशन में हेलिकॉप्टर के पास उड़ान भरने के लिए एक महीने का वक्त होगा. अगर यह सफल होता है तो आने वाले समय में ऐसे और प्रयोग देखे जा सकेंगे. नासा के इस Perseverance रोवर में कई कैमरे, माइक्रोफोन लगे हैं जो मंगल की तस्वीरें और आवाज रिकॉर्ड करेंगे.
इस नये प्रयोग पर एक 3 मिनट के वीडियो में नासा ने बताया है कि कैसे मंगल ग्रह पर यह छोटा हेलिकॉप्टर काम करेगा. मिशन से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि अगर यह सफल होता है
तो हमारे लिए मील का पत्थर होगा नासा की प्रोजेक्ट मैनेजर ने कहा कि इसकी सफलता के बाद अंतरिक्ष की दुनिया में खोज करना हमारे लिए और आसान हो जाएगा.
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि मंगल पर उड़ान भरने के लिए बहुत बड़ी बाधा है वहां का वातावरण. ग्रह के आसपास की हवा पृथ्वी के वायुमंडल की मोटाई का केवल 1 प्रतिशत है.
इतनी कम हवा में घूमने के लिए मंगल पर लिफ्ट मिलना बहुत मुश्किल होगा. जो तकनीक हम धरती पर इस्तेमाल करते हैं उससे हम मंगल पर सफलता नहीं पा सकते हैं. इसलिए हमने नए तरीके इजाद किए हैं.