निजी स्कूलों ने आर्थिक रूप से स्कूल फीस में 20 फीसदी की छूट का किया ऐलान
कोरोना वायरस के कारण किए गए लॉकडाउन में कई परिवारों का बजट गड़बड़ा गया है. कई लोगों को दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.
यहीं नहीं, परिजनों को अपने बच्चों की स्कूलों की फीस का इंतजाम करने में भी मुश्किलें आ रही हैं. ऐसे में यूपी में निजी स्कूलों की तरफ से अभिभावकों को बड़ी राहत दी गई है.
अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने फीस को लेकर बड़ा फैसला लिया है. निजी स्कूलों ने आर्थिक रूप से प्रभावित अभिभावकों के बच्चों को स्कूल फीस में 20 फीसदी की छूट का ऐलान किया है.
निजी स्कूलों के अलावा अभिभावकों को राहत का फैसला मिशनरी स्कूल ने भी किया है. इसके अलावा कंप्यूटर फीस भी नहीं ली जाएगी.
एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया की निजी के साथ कई मिशनरी स्कूल, एंग्लो इंडियन स्कूल भी फीस में छूट देंगे. ये छूट कम से कम 6 महीने या फिर जब तक स्कूल में फिजिकल क्लास नही होती तब तक दी जाती रहेगी.
इसका मतलब जब तक सिर्फ ऑनलाइन क्लास चल रही हैं तब तक ये छूट मिलती रहेगी. लखनऊ के साथ ही लखीमपुर और सीतापुर की एसोसिएशन व वाराणसी के एक बड़े स्कूल ग्रुप ने भी इस पर सहमति दी है.
अनिल अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के सभी एसोसिएशन से बात की जा रही है कि वो भी फीस में रियायत दें.
एसोसिएशन के अनुसार इस छूट का लाभ सिर्फ उनको मिलेगा जो कोरोना काल मे आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं. जैसे- जिनकी नौकरी गई, वेतन में कटौती हुई या जिनका व्यापार प्रभावित हुआ हो.
सरकारी कर्मचारियों या ऐसे लोगों को छूट नही मिलेगी जिनके काम पर लॉकडाउन का असर नहीं हुआ. जैसे जो लोग मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े हैं, जो ऐसे व्यापार करते हैं जिनको लॉकडाउन में बंद नही किया गया.
ये व्यवस्था सिर्फ इसी सत्र के लिए की गई है. एसोसिएशन के साथ लगभग सभी बड़े स्कूल ग्रुप जुड़े हुए हैं.एसोसिएशन में शामिल स्कूलों ने अभिभावकों को फीस जमा करने के लिए 10 अगस्त तक का समय दिया है.
जो इस तारीख तक फीस जमा नही करेंगे उनके बच्चों का नाम तो नही काटा जाएगा, लेकिन ऑनलाइन क्लास से जरूर वंचित किया जाएगा. हालांकि इसमें भी केस टू केस फैसला होगा.
यानी अगर कोई इतना मजबूर है कि छूट के बाद भी फीस नही दे सकता तो उसके लिए अलग से विचार किया जाएगा.