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कोरोना का कहर लगातार जारी अब शिमला में बढ़ते मामलो को देखते हुए बॉर्डर पर सख्ती की मांग

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बढ़ते मामलों से शहरवासियों की चिंता बढ़ती जा रही है. जिला में एक्टिव केस सौ के पार पहुंचने के बाद स्थानीय लोगों ने अब प्रशासन से सीमाओं पर और ज्यादा सख्ती बरतने की मांग की है.

शहर में मामले बढ़ने के बाद शिमला व्यापार मंडल और स्थानीय लोगों ने लॉकडाउन के बजाए सीमाओं पर और ज्यादा चौकसी बरतने की मांग की है.

लोगों का कहना है कि लॉक डाउन लगाने के लिए भले ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोगों से सुझाव और राय मांगी हो लेकिन अब लॉक डाउन का कोई फायदा नहीं है.

लोगों का कहना है कि एक तरफ बेरोजगारी और आर्थिक मंदी की मार हर व्यापारी वर्ग को पड़ रही है. लॉक डाउन के दौरान कई लोगों की नौकरी चली गई है और कारोबार भी पटरी पर नहीं लौट पाया है. ऐसे में यदि सरकार एक बार फिर लॉक डाउन लगाती है तो इससे समस्या और ज्यादा गम्भीर हो सकती है.

लोगों का कहना है कि सरकार लॉक डाउन की बजाय स्वाथ्य सेवाओं और बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों पर सख्ती के साथ दिशा निर्देशों का पालन करवाए ताकि कोरोना के बढ़ते मामलों पर रोक लगाई जा सके.

उन्होंने कहा कि शहर में बढ़ते कोरोना के मामले चिंता का विषय है इस. पर प्रशासन कोई उचित कदम उठाए. कोरोना के बढ़ते मामलों पर वहीं व्यापार मंडल शिमला भी परेशान है और सरकार से बैरियर पर सख्ती बरतने की मांग कर रहा है.

व्यापार मंडल अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह का कहना है कि लॉकडाउन अब इस समस्या का कोई समाधान नहीं है. अब सरकार जो निर्णय लेगी, वही निर्णय व्यापार मंडल को स्वीकार होगा. लेकिन उन्होंने शहर की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाने की मांग की है.

उन्होंने कहा बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाना अब सरकार की जिम्मेवारी है. इसके लोए बनाये गए डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में शिमला के मरीजों को ही सुविधा मिलनी चाहिए साथ है.

यदि बाहरी जिलों के लोगों को सुविधा देनी है तो इसके लिए कहीं दूसरी दूसरी जगह कोविड अस्पताल बनाया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि मामले बढ़ने पर डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में भी मरीजों को पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पाएगी, इसके लिए सरकार को जल्द उचित कदम उठाने चाहिए.

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