दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर भूमि पूजन पर उठाए सवाल
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण को लेकर 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम को अशुभ मुहूर्त बताया है.
उन्होंने शिलान्यास कार्यक्रम पर तंज कसते हुए कहा है कि मोदी जी की सुविधा पर अशुभ मुहूर्त में भूमि पूजन किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री के लिए सनातन धर्म की मान्यताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है.
दिग्विजय सिंह ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर राम मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम पर सवाल उठाए. उन्होंने लिखा अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण का शिलान्यास अशुभ मुहूर्त में कराये
जाने पर हमारे हिंदू (सनातन) धर्म के द्वारका व जोशीमठ के सबसे वरिष्ठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज का संदेश व शास्त्रों के आधार पर प्रमाणित तथ्यों पर वक्तव्य अवश्य देखें.’
दिग्विजय ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि हिंदू धर्म की मान्यताओं को नजरंदाज करने का ही नतीजा है कि राम मंदिर के समस्त पुजारी कोरोना पॉजिटिव हो गए. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश की मंत्री कमला रानी वरुण का कोरोना से निधन हो गया.
उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भी कोरोना पॉजिटिव हैं. गृहमंत्री अमित शाह भी संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष भी कोरोना पॉजिटिव हैं. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा भी संक्रमित निकले हैं.
दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा कि भगवान राम करोड़ों हिंदुओं के आस्था का केंद्र हैं और हज़ारों वर्षों की हमारे धर्म की स्थापित मान्यताओं के साथ खिलवाड़ मत करिए.
मैं मोदी जी से फिर अनुरोध करता हूं 5 अगस्त के अशुभ मुहुर्त को टाल दीजिए. सैंकड़ों वर्षों के संघर्ष के बाद भगवान राम मंदिर निर्माण का योग आया है. अपनी हठधर्मिता से इसमें विघ्न पड़ने से रोकिए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे लिखा, ‘इन हालात में क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री को क्वारंटाइन नहीं होना चाहिए?
क्या क्वारंटाइन में जाने की बाध्यता केवल आम जनता के लिए है? प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के लिए नहीं है? क्वारंटाइन की समय सीमा 14 दिवस की है. मोदी जी आप अशुभ मुहुर्त में भगवान राम मंदिर का शिलान्यास कर और कितने लोगों को अस्पताल भिजवाना चाहते हैं?
योगी जी आप ही मोदी जी को समझाइए. आपके रहते हुए सनातन धर्म की सारी मर्यादाओं को क्यो तोड़ा जा रहा है? आपकी क्या मजबूरी है जो आप यह सब होने दे रहे हैं?