योगी सरकार का अहम फैसलाः निजी स्कूल नही ले सकेगें मनमानी फीस
लखनऊ: प्रदेश में निजी स्कूल अब मनमाने तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे. सरकार ने निजी स्कूलों की सालाना फीस वृद्धि का फॉर्मूला तय कर दिया है. इस फॉर्मूले के तहत निजी स्कूल नवीनतम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में पिछले सत्र के शुल्क का पांच प्रतिशत जोड़ते हुए हर साल इतनी ही फीस बढ़ा सकेंगे. शर्त यह होगी कि इस तरह से निर्धारित किया गया शुल्क स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों की मासिक प्रति व्यक्ति आय में हुई वृद्धि के औसत से अधिक नहीं होगा. तय से अधिक फीस वसूलने पर स्कूल प्रबंधन पर पहली बार एक लाख रुपये और दूसरी मर्तबा पांच लाख रुपये आर्थिक दंड लगाया जाएगा. तीसरी बार ऐसा करने पर उनकी मान्यता रद कर दी जाएगी.
योगी सरकार की तरफ से बनाये गये प्रावधान-
किताबें, जूते-मोजे खरीदने के लिए बाध्य नहीं अभिभावक
पांच साल से पहले नहीं बदलेगी यूनीफॉर्म
अतिरिक्त फीस वापस करने का प्रावधान
प्रवेश शुल्क स्कूल में दाखिले के समय
वैकल्पिक शुल्क बाध्यकारी नहीं
साल भर की फीस नहीं ले सकेंगे
व्यावसायिक गतिविधियों से होने वाली आय स्कूल खाते में
फीस वापसी के साथ आर्थिक दंड दे सकेगी मंडलीय शुल्क विनियामक समिति
उप मुख्यमंत्री के साथ मौजूद अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा संजय अग्रवाल ने बताया कि फीस वृद्धि का यह फॉर्मूला शैक्षिक सत्र 2018-19 से लागू होगा. इसके लिए सत्र 2015-16 को आधार वर्ष माना गया है.