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कृष्ण की मथुरा में जन्माष्टमी पर नहीं बंटेंगे खुशी के लड्डू

भगवान श्रीकृष्ण के जन्म स्थान मथुरा में जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. हालांकि नंदगांव समेत देश के कई हिस्सों में एक दिन पहले मंगलवार को ही जन्माष्टमी का त्योहार मनाया गया.

वहीं, ब्रज सहित देश के अन्य हिस्सों और विदेश में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व आज मनाया जाएगा. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण का बचपन नंदगांव में बीता था.

इसीलिए ब्रज के मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाए जा रहा है. हालांकि कोरोना के कारण इस बार इसे सार्वजनिक रूप नहीं दिया गया है.

कोरोना काल पर जन्माष्टमी के मौके पर मंदिरों में भ्क्तों को प्रसाद नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा नंदगांव में सैकड़ों वर्षों से चली आ रही ‘खुशी के लड्डू’ बांटे जाने की परम्परा भी नहीं निभाई जाएगी.

बतादें कि ये त्योहार भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. विद्वानों के अनुसार वैष्णवों द्वारा परम्परानुसार भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि में सूर्यादय होने के अनुसार ही जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है, लेकिन नंदगांव में इसके उलट श्रावण मास की पूर्णमासी के दिन से आठवें दिन ही जन्माष्टमी मनाने की प्रथा चली आ रही है.

द्वारिकाधीश मंदिर, वृन्दावन के ठा. बांकेबिहारी मंदिर में भी कृष्ण जन्माष्टमी पर्व आज ही मनाया जाएगा. वहीं कोरोना की मार कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर भी पड़ा है.

कोरोना वायरस के कारण कृष्ण जन्मभूमि पर सन्नाटा छाया हुआ है. पहले महीने भर से पहले ही लाखों श्रद्धालुं यहां आते थे, लेकिन अब उनकी संख्या ना के बराबर है.

कोरोना संक्रमण के चलते बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की एंट्री को पूरी तरह प्रतिबंधित किया हुआ है. सेवायतो द्वारा भी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव मनाने के दौरान कोविड-19 के नियमों का पालन किया जाएगा.

बतादें कि 11 अगस्त से लेकर 13 अगस्त तक मथुरा वृंदावन में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक लगा दी गई है.

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