LIVE TVMain Slideदिल्ली एनसीआरदेशविदेशस्वास्थ्य

AIIMS के डायरेक्‍टर ने रूस की वैक्‍सीन पर कहा इसके साइड इफेक्‍ट की जांच होना बेहद जरूरी

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को घोषणा की कि उनके देश ने कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया का पहला टीका विकसित कर लिया है जो कोविड-19 से निपटने में बहुत प्रभावी ढंग से काम करता है और एक स्थायी रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करता है.

इसके साथ ही उन्होंने खुलासा किया कि उनकी बेटियों में से एक को यह टीका पहले ही दिया जा चुका है. इस पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान के डायरेक्‍टर रणदीप गुलेरिया ने प्रतिक्रिया दी है. उन्‍होंने कहा है कि इस वैक्‍सीन की सुरक्षा और साइड इफेक्‍ट की जांच जरूरी है.

एम्‍स के डायरेक्‍टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने रूस की कोरोना वैक्‍सीन पर कहा कि हम लोगों को यह देखना पड़ेगा कि रूसी वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी हो.

उस वैक्‍सीन से कोई साइड इफेक्‍ट भी नहीं होना चाहिए. यह भी देखना पड़ेगा कि यह वैक्‍सीन शरीर में इम्‍युनिटी भी बढ़ाती हो. उन्‍होंने कहा कि अगर रूस की वैक्‍सीन में ये सभी बातें आती होंगी तो यह बड़ा कदम होगा.

बता दें कि रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने कहा है कोरोना वायरस के खिलाफ आज सुबह दुनिया में पहली बार एक टीके का पंजीकरण किया गया है.

पुतिन की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजार ने कहा है कि कोविड-19 का पहला टीका बनाने की जगह कोरोना वायरस के खिलाफ एक प्रभावी और सुरक्षित टीका बनाना ज्यादा महत्वपूर्ण है.

किए जाने से चिंताएं बढ़ गई हैं. सीएनएन ने उनके हवाले से कहा कि मानकों के अनुरूप तीसरे चरण के परीक्षण के बाद ही टीके को मंजूरी मिलनी चाहिए.

रूस का टीका विश्व स्वास्थ्य संगठन के उन छह टीकों की सूची में नहीं है जो तीसरे चरण के परीक्षण की स्थिति में पहुंच चुके है

टीका गमालेया रिसर्च इंस्टिट्यूट और रूस के रक्षा मंत्रालय ने सुयंक्त रूप से विकसित किया है. इसका परीक्षण 18 जून को शुरू हुआ था जिसमें 38 स्वयंसेवी शामिल थे. इन सभी प्रतिभागियों में कोविड-19 के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई. पहले समूह को 15 जुलाई और दूसरे समूह को 20 जुलाई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.

Related Articles

Back to top button