स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कही बड़ी बात
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शनिवार को लखनऊ में विधानभवन पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ध्वजारोहण किया. इस दौरान मुख्मयंत्री ने कहा कि हम दुनिया में अन्य देशों को देखें तो कोरोना काल के दौरान उनकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित है,
लेकिन उत्तर प्रदेश में विगत वर्ष की तुलना में राजस्व में केवल तीन फीसदी की ही कमी आई है यानी कोरोना से लड़ते हुए, हम अपने राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में तेजी से अग्रसर रहे हैं, यह साबित करने का कार्य उत्तर प्रदेश में किया गया है.
अपने संबोधन में सीएम योगी ने कहा कि 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विधान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में उपस्थित प्रदेश सरकार के मंत्रीगण, अधिकारीगण, उपस्थित भाइयों, बहनों, आप सभी को 74वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.
आज का दिन हम सबके लिए उत्साह और उमंग का दिन है. हम सब जानते हैं कि अनगिनत त्याग और बलिदान के फलस्वरूप 15 अगस्त 1947 को देश को स्वाधीनता प्राप्त हुई थी.
मैं इस अवसर पर सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी जी को कोटि-कोटि नमन करता हूं. जिनके नेतृत्व में स्वाधीनता का आंदोलन चला था.
सरदार पटेल, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, बाबा साहब डॉ. बीआर अम्बेडकर, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे भारत माता के वीर सपूतों को कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करते हुए मैं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
मैं इस अवसर पर भारत माता के उन सभी सैनिकों को कोटि-कोटि नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने देश की स्वाधीनता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए अपना बलिदान दिया है.
मैं देश की सुरक्षा के लिए शहीद होने वाले उन सभी सपूतों को कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करते हुए, विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
सीएम ने कहा कि आज जब देश हर्षोल्लास के साथ अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है तो दूसरी ओर हम सबके सामने वैश्विक महामारी कोविड-19 की त्रासदी भी है.
कोविड-19 के विरुद्ध देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस प्रकार से व्यवस्थित रूप में कार्ययोजना प्रारम्भ हुई, उसी का परिणाम है कि दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत, सुरक्षित और संतोषजनक स्थिति में है.
उत्तर प्रदेश में श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडर्स, गरीबों और प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को खाद्यान्न और भरण-पोषण उपलब्ध करवाने का कार्य किया गया.
हमारी मशीनरी ने यह साबित किया कि उत्तर प्रदेश, देश में बेहतर परिणाम देने की स्थिति में है. उत्तर प्रदेश ने कोरोना कालखंड में सेवा के साथ-साथ अपने कार्यों के माध्यम से देश और दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है.
कोरोना कालखंड में जो कार्यक्रम आरम्भ किए गए, उन कार्यक्रमों में मंत्रीगणों, जनप्रतिनिधिगणों, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों, स्वास्थ्यकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों और जनता जनार्दन ने एक टीम वर्क के रूप में अपना योगदान दिया है. इसका परिणाम रहा कि उत्तर प्रदेश, देश में सबसे बड़ी आबादी का राज्य होने के बावजूद बेहतर परिणाम देने में सफल हुआ.
प्रधानमंत्री ने देश को ‘आत्मनिर्भर भारत’ का मंत्र दिया है. वास्तव में यह मंत्र, जीवन की वास्तविकता भी है. अगर हमें भारत तथा भारत की स्वाधीनता को अक्षुण्ण बनाए रखना है
तो हमें भारत को एक महाशक्ति के रूप में प्रस्तुत करना होगा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ ही इस देश को एक महाशक्ति के रूप में प्रस्तुत करने का एकमात्र मार्ग है. आत्मनिर्भर पैकेज के तहत प्रधानमंत्री ने जो घोषणा की, उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश सरकार ने भी अनेक कार्यक्रम आरम्भ किए.
40 लाख से अधिक प्रवासी कामगार/श्रमिक वापस उत्तर प्रदेश में आए. लोगों को लगता था कि इतनी बड़ी आबादी आएगी तो अराजकता फैलेगी.
हम लोगों ने उस समय भी कहा था कि उत्तर प्रदेश का दिल बहुत बड़ा है. उत्तर प्रदेश अपने इन सभी कामगारों/श्रमिकों को अपने साथ जोड़कर प्रदेश की प्रगति में भागीदार बनाएगा। आज इनमें से अधिकतर कामगार/श्रमिक उत्तर प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं
यदि हम दुनिया में अन्य देशों को देखें तो कोरोना काल के दौरान उनकी अर्थव्यवस्था पूरी तरह प्रभावित है लेकिन उत्तर प्रदेश में विगत वर्ष की तुलना में राजस्व में केवल तीन फीसदी की ही कमी आई है.
यानी कोरोना से लड़ते हुए, हम अपने राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में तेजी से अग्रसर रहे हैं, यह साबित करने का कार्य उत्तर प्रदेश में किया गया है.