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वाराणसी के गंगा घाट में दिखा बाढ़ का असर : मौसम विभाग

मानसून की बारिश ने कई राज्यों में बाढ़ का रूप ले लिया है. बीते 11 से 14 अगस्त तक भारत में जिस तरह से मामसून सक्रिय हुआ है, उसके बाद उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत का कोई हिस्सा ऐसा नहीं बचा, जहां पर बारिश न हुई हो.

मौसम विभाग के मुताबिक पिछले काफी समय से इस तरह की बारिश देखने को नहीं मिली. पिछले कई सालों की तुलना में यह 103 प्रतिशत अधिक है.

गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल की तरह इस साल भी 11 राज्यों में बाढ़ से अब तक 868 लोगों की मौत हो चुकी है.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 19 अगस्त को बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक और निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जिससे कुछ राज्यों में और मूसलाधार बारिश होने की संभावना है.

लगातार हो रही बारिश के कारण जुलाई में बिहार, असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के कुछ हिस्सों सहित कई इलाकों में बाढ़ का संकट पैदा हो गया है, जबकि अगस्त में भी बारिश जारी रहने के कारण मुंबई, कोंकण और कर्नाटक में बा​ढ़ की स्थिति बन गई है. राजस्थान के भी कई हिस्सो में बाढ़ आई है.

बता दें कि केरल के इडुक्की में इस साल जोरदार बारिश की वजह से यहां का जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है. बारिश के कारण यहां पर हुए भुस्खलन में कम से कम 55 लोगों की मौत हो गई है.

गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल की समान अवधि में 11 राज्यों के 908 लोगों की मौत हुई थी ​जबकि इस साल बाढ़ के चलते 868 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.

राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामनी के मुताबिक, इस साल कई इलाकों में जरूरत से ज्यादा बारिश हुई है.

उन्होंने जयपुर का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां केवल छह घंटों में 25 सेमी बारिश दर्ज की गई. जेनामनी ने बताया कि पिछले सप्ताह जिस तरह से बारिश हुई है उसने उत्तर-पश्चिम भारत में कम हुई बारिश की कमी को पूरा कर दिया है.

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