सऊदी अरब का बड़ा फैसला 10 महिलाओं को वरिष्ठ पदों पर किया तैनात जाने

महिला सशक्तिकरण की कवायद के तहत सऊदी अरब ने इस्लाम के दो सबसे महत्वपूर्ण स्थानों पर महिलाओं की नियुक्ति की है.
एक अखबार के मुताबिक मक्का-मदीना की मस्जिदों के प्रबंधकीय मामलों की निगरानी करनेवाले संस्थान में 10 महिलाओं को वरिष्ठ पदों पर तैनात किया गया है.
इस्लाम की महवत्पूर्ण मस्जिदों की निगरानी करनेवाले संस्थान की असिस्टेंट अंडर सेक्रेटरी कमेलिया अलदादी का कहना है उन नियुक्तियों में काबा और मदीना की मस्जिदों में मुहैया कराई जानेवाली तमाम सेवाएं और दक्षता को शामिल किया गया है.
चाहे इंजीनियरिंग, नेतत्व, प्रबंधन या सुपरवाइजरी से संबंधित काम हो. महिलाओं को काबा के किंग अब्दुल अजीज कंपलेक्स, पवित्र मस्जिद की गैलेरी, लाइब्रेरी और अन्य विभागों में तैनात किया गया है. जिसका मकसद महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाना और उनकी क्षमताओं को हाजियों की सेवा के लिए इस्तेेमाल करना है.
धार्मिक संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर महिलाओं की बहाली की मिसाल बहुत मुश्किल से मिलती है. मगर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के प्रयासों की बदौलत अब महिलाओं को भी अन्य स्थानों पर आने का मौका दिया जा रहा है. प्रिंस मोहम्मद इस्लामी मुल्क की तेल पर निर्भरता खत्म करना चाहते हैं.
इसके लिए उन्होंने विजन 2030 के नाम से योजना बनाई है. जिसका मकसद आर्थिक सुधारों को बढ़ावा देना है. 2017 में क्राउन प्रिंस ने शाही फरमान जारी कर महिलाओं को 2018 से ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की वकालत की थी.
2018 में कानून मंत्रालय की तरफ से ऐलान किया किया गया कि तलाकशुदा महिलाओं को अपने बच्चों की कस्टडी लेने का हक मिलेगा. सऊदी अरब में महिलाओं को मैच के लिए स्टेडियम जाने देने पर भी विचार किया जा रहा है. अगस्त 2019 से छात्राओं को कैंपस में फोन ले जाने की अनुमति दे दी गई है.
नए नियम के मुताबिक 21 साल से ज्यादा उम्र की महिला अकेले यात्रा कर सकती हैं. एक आंकड़े के मुताबिक 2019 की तीसरी तिमाही तक सऊदी अरब में कामकाजी महिलाओं की संख्या 1.03 मिलियन तक पहुंच गई है.