उपद्रवियों से संपत्ति क्षति वसूली के लिए दो ट्रिब्यूनल का हुआ गठन : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंदोलन के दौरान हिंसा में सार्वजानिक व निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है.
मुख्यमंत्री ने सोमवार को लखनऊ और मेरठ में दावा अधिकरणों के गठन को मंजूरी दे दी. यूपी देश का पहला प्रदेश है जिसने ये कदम उठाया है.
ट्रिब्यूनल का गठन उपद्रवियों के खिलाफ एक बड़ा कदम माना जा रहा. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुई हिंसा में जिन लोगों की संपत्तियों को नुक़सान पहुंचा है, वे इन अधिकरणों में क्लेम कर सकेंगे. ट्रिब्यूनल वसूली करा कर क्लेम सुनिश्चित कराएगी.
इन अधिकरणों को सिविल न्यायालय की सभी शक्तियां प्राप्त होंगी. इनका फैसला अंतिम होगा और उसके खिलाफ किसी न्यायालय में अपील नहीं की जा सकेगी. ये ट्रिब्यूनल राजनीतिक जुलूसों, विरोध प्रदर्शनों, आंदोलनों के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से क्षतिपूर्ति वसूलने के लिए सुनवाई करेंगे.
क्षतिपूर्ति पाने के लिए संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटना के तीन माह के अंदर दावा अधिकरण के समक्ष आवेदन करना होगा. आवेदन में 30 दिन के विलंब को अधिकरण माफ कर सकता है, यदि आवेदक इसकी वाजिब वजह बताता है.
सोमवार को मुख्यमंत्री के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर जानकारी दी गई कि उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 के प्राविधान के अनुसार लखनऊ एवं मेरठ में सम्पत्ति क्षति दावा अधिकरण का गठन किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है.
इसके तहत लखनऊ मंडल के दावा अभिकरण के कार्यक्षेत्र के तहत झांसी, कानपुर, चित्रकूट धाम, लखनऊ, अयोध्या, देवी पाटन, प्रयागराज, आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती और विन्ध्याचल धाम मंडल की दावा याचिकाएं स्वीकार की जाएंगी.
मेरठ मंडल के दावा अभिकरण के कार्यक्षेत्र के तहत सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली और आगरा मंडल की दावा याचिकाओं पर विचार किया जाएगा.
गौरतलब है कि सरकार इसी साल मार्च में ही उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 अध्यादेश लेकर आई थी. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी के बाद सरकारी गजट में अधिसूचित हो गया था.