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भोपाल एम्स में पहली बार किसी कोरोना संक्रमित मरीज के शव का हुआ पोस्टमॉर्टम

देश में पहली बार किसी कोरोना संक्रमित मरीज के शव का पोस्टमॉर्टम किया गया है. भोपाल एम्स में ये पोस्टमॉर्टम रिसर्च के उद्देश्य से किया गया है.

कोरोना वायरस इंसान के शरीर पर किस तरह हमला करता है? यह शरीर में कितने लंबे समय तक रहता है? ऐसे तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए ही पोस्टमार्टम किया गया है.

वैज्ञानिकों का मानना है कि संक्रमित मरीज के शव का पोस्टमार्टम करने से कोरोना के असर अच्छे से समझा जा सकता है.

संक्रमित मरीज के शव का पोस्टमार्टम करने के लिए भोपाल एम्स ने पहले आईसीएमआर से अनुमति ली. इसके बाद ही रविवार को शख्स का पोस्टमॉर्टम किया गया.

हालांकि पहले संक्रमण के खतरे को देखते हुए अनुमति नहीं दी गयी थी. जब संक्रमण से बचने के उपाय के साथ पोस्टमॉर्टम के एडवांस तकनीक की जानकारी आईसीएमआर को भेजी, तब मंजूरी मिल सकी.

भोपाल एम्स का कहना है कि ऐसे ही और संक्रमित मरीज के शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा, इसके बाद रिसर्च होगी और फाइनल रिपोर्ट जारी की जाएगी.

देश में कोविड-19 के 55,079 नए मामले सामने आने के बाद, संक्रमण के मामले बढ़कर मंगलवार को 27 लाख के पार पहुंच गए. देश अब तक 19.77 लाख लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और मरीजों के ठीक होने की दर अब 73.18 प्रतिशत है.

पिछले 24 घंटे में 876 और लोगों की जान जाने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 51,797 हो गई है. इसके अनुसार देश में मृत्यु दर अब 1.92 प्रतिशत है.

आंकड़ों के अनुसार 6,73,166 लोगों का इलाज जारी है, जो कि कुल मामलों का 24.91 प्रतिशत है. कुल 19,77,779 लोग अभी तक संक्रमण मुक्त हो चुके हैं. भारत में सात अगस्त को कोविड-19 के मामले 20 लाख के पार पहुंचे थे.

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