मध्य प्रदेश के उपचुनाव में कांग्रेस कर रही जीत की तैयारी अब इसी बीच लगा एक बड़ा झटका
मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का साथ देने वाली बहुजन समाज पार्टी अब प्रदेश की 27 सीटों पर उपचुनाव लड़ेगी. पार्टी ने उपचुनाव में अपने प्रत्याशी उतारने का फ़ैसला लिया है.
इस फैसले से कांग्रेस को झटका लगा है, क्योंकि जब प्रदेश में कमलनाथ की सरकार थी तो उस दौरान बसपा ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया था. अब हर सीट पर चुनाव लड़ने से कांग्रेस का वोट बैंक प्रभावित होने की आशंका है.
उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी लगातार रणनीति तैयार कर रही है. इसी बीच अब चुनावी मैदान में बसपा भी उतर गई है. उपचुनाव की तैयारियों को लेकर बसपा नेताओं ने भोपाल स्थित मुख्यालय में बैठक की.
इस बैठक में पार्टी के प्रदेश प्रभारी रामजी गौतम, प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल समेत तमाम पदाधिकारी मौजूद थे. बैठक में यह फैसला लिया गया कि प्रदेश की सभी 27 सीटों पर पार्टी उप चुनाव लड़ेगी. पार्टी अपने ही प्रत्याशी उतारेगी. किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी.
प्रत्याशी चयन को लेकर भी बसपा ने कवायद तेज कर दी है. उपचुनाव की कई सीटों पर बसपा का असर बताया जा रहा है. बसपा यहां के वोट बैंक को प्रभावित करती है.
हालांकि, बसपा का प्रदेश में एकलौता विधायक है. बसपा विधायक संजीव कुशवाहा ने बताया कि पार्टी सभी सीटों पर उपचुनाव दमदारी से लड़ेगी. प्रत्याशियों का चयन किया जा रहा है. पार्टी पहले ही अपना मत साफ कर चुकी है. वह अकेले ही चुनाव में लड़ेगी.
दिसंबर 2019 को बसपा पथरिया से पार्टी की विधायक रामबाई को निलंबित कर चुकी है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करने पर मध्य प्रदेश में पार्टी की विधायक रमाबाई परिहार को पार्टी से निलंबित किया था.
मध्य प्रदेश में बसपा ने कमलनाथ सरकार को समर्थन दिया था. रामबाई परिहार मध्य प्रदेश के पथरिया से विधायक हैं. मायावती ने उस समय ट्वीट किया था कि बसपा अनुशासित पार्टी है
और इसे तोड़ने पर पार्टी के विधायक, सांसद आदि के खिलाफ भी तुरन्त कार्रवाई की जाती है. इसी क्रम में पथेरिया से बसपा विधायक रमा बाई परिहार को सीएए का का समर्थन करने पर उनको पार्टी से निलम्बित कर दिया गया है. उनपर पार्टी कार्यक्रम में भाग लेने पर भी रोक लगा दी गई है.