चीन लगातार दूसरे देशों के लिए भी बनता जा रहा खतरा बेहद खास है नेवी कमांडर्स की कांफ्रेंस
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भारतीय नेवी के कमांडर्स की तीन दिवसीय कांफ्रेंस बुधवार से शुरू हो रही है।इसमें नेवी के सामने आने वाली चुनौतियों और अपनी सामरिक क्षमता को बढ़ाने पर चर्चा की जाती है। 21 अगस्त तक चलने वाली इस कांफ्रेंस का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा किया जाना है। मौजूदा समय में ये बैठक इसलिए भी काफी अहम है क्योंकि बीते कुछ समय में चीन से भारत की चुनौतियां और खतरा दोनों ही बढ़ चुका है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान से उसकी सांठगांठ और ग्वादर में उसकी मौजूदगी भी भारत के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। आपको बता दें कि चीन केवल भारत के लिए ही एक बड़ी चुनौती नहीं है बल्कि दुनिया के कई दूसरों देशों के लिए भी एक बड़ा खतरा बन चुका है। ऐसे में आज से शुरू हुई नेवी कमांडर्स की कांफ्रेंस में ऐसे कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। रक्षा जानकार मानते हैं कि ये पूरी कांफ्रेंस में चीन के इर्द-गिर्द होने वाली है।
गलवन की घटना के बाद आर्मी पर दबाव
दैनिक जागरण से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान भारतीय नेवी के रिटायर्ड कमाडोर रंजीत बी राय ने बताया कि मौजूदा समय में चीन को लेकर जो खतरा बढ़ा है उसको देखते हुए इस कांफ्रेंस की अहमियत भी कहीं अधिक बढ़ गई है। अप्रैल से लद्दाख की गलवन वैली में चीन से जो तनाव शुरू हुआ है उसको देखते हुए भी ये जरूरी है कि हम अतिरिक्त सावधानी बरतें। वो ये भी मानते हैं कि गलवन वैली की घटना के बाद से आर्मी पर काफी दबाव है। उनके मुताबिक इस कांफ्रेंस के दौरान चर्चा में शामिल होने वाले ज्यादातर विषय काफी गुप्त होते हैं, लेकिन इन विषयों के अलावा भी कुछ विषय ऐसे होते हैं जिनपर चर्चा और मंथन किया जाता है।
ये होंगे कांफ्रेंस के मुद्दे
उन्होंने बताया कि चीन से हाल ही में एक फ्लोटिला (जिसमें दो से तीन जहाज होते हैं) चली है जिसका काम जासूसी करना होता है। जहां तक भारत की बात है तो इंडियन नेवी का शिप इस तरह के मिशन पर जाने वाले विरोधी देशों के जहाजों की निगरानी रखता है कि वो कहां जा रहे हैं। इस कांफ्रेंस के दौरान ईस्टर्न कमांड और वेस्टर्न कमांड के चीफ के बीच नेवी का ऑपरेशनल स्टाफ बात करेगा। इस चर्चा का सबसे अहम बिंदु होगा कि यदि चीन ने भारतीय नेवी के सामने किसी तरह की परेशानी खड़ी करने की कोशिश की तो इसका क्या और कैसे जवाब दिया जाएगा। इसके अलावा इस कांफ्रेंस में नेवी को हो रही जबरदस्त कमी पर भी चर्चा की जाएगी।
मिलने वाले हैं रोटरी विंग ड्रोन
कमाडोर राय के मुताबिक भारत को जल्द ही नेवी के लिए रोटरी विंग ड्रोन (rotary wing drone) मिलने वाले हैं। काफी समय से नेवी इस तरह की कमी को झेल रही है। वहीं बीच में जो अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला (एडब्ल्यू स्केंडल) हुआ उसकी वजह से भी नेवी को काफी नुकसान उठाना पड़ा और नेवी कमी से जूझते हुए आगे काम करती रही। इस कमी को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने 24 मल्टीरोल हेलीकॉप्टर खरीद को मंजूरी दे दी है। ये सीकिंग हेलीकॉप्टर की जगह लेंगे। उनके मुताबिक हर बार नेवी कमांडर की कांफ्रेंस में इनकी कमी का मुद्दा उठता रहा है।
अंडमान को मजबूत बनाने पर चर्चा
इसके अलावा इस कांफ्रेंस में अंडमान निकोबार को मजबूत करने पर भी बात की जाएगी। आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी इस बात को पहले भी कह चुके हैं कि भारत किसी भी सूरत में किसी एलाइंस का हिस्सा नहीं बनेगा। लेकिन वो दूसरे देशों की नेवी से बेहतर तालमेल बिठाकर अन्य क्षेत्रों में आगे जरूर बढ़ सकता है। इसमें सबसे खास खुफिया जानकारियों का आदान-प्रदान करना है। मालाबार एक्सरसाइज के दौरान अमेरिका के साथ जापान शिरकत कर चुका है। अब इसमें आस्ट्रेलिया को भी शामिल करने पर चर्चा हो रही है और मुमकिन है कि भविष्य में होने वाली नेवल एक्सरसाइज में उसकी भी हिस्सेदारी हो जाएगी। कमाडोर राय ने बताया कि फाइव पावर डिफेंस अरेंजमेंट जो पहले भी था उसपर भारत आगे बढ़ रहा है। उन्होंने ये भी बताया कि अंडमान में अगले माह नेवी की एक बड़ी एक्सरसाइज हो सकती है। इस कवायद का मकसद ये जानना है कि हम सभी मिलकर चीन के खिलाफ क्या कर सकते हैं और उसको कैसे रोक सकते हैं।
चीन को आगे बढ़ने से रोकना है मकसद
इस कांफ्रेंस का एक मकसद ये भी है कि हम उन तकनीक और उन बातों पर जोर दें जिससे हम चीन की निगाह में आए बिना उसकी कड़ी निगरानी कर सकें। कमाडोर राय के मुताबिक कोई भी देश युद्ध नहीं चाहता है। लेकिन चीन पर इस तरह की कवायद से दबाव जरूर बनाया जा सकता है। इस तरह की कांफ्रेंस में इन सभी मुद्दों और हमारे पास मौजूदा साजो-सामान पर गहन मंथन होता है। इंडियन नेवी को भविष्य के लिए किन-किन चीजों की दरकार होगी इस पर भी विचार किया जाएगा और इसके मुत्तालिख सरकार को भी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि नेवी की हकीकत इस्टर्न और वेस्टर्न कमांड के चीफ को पता होती है। इस कांफ्रेंस में नेवी की जरूरतों को जल्द पूरा करने पर भी बात होगी। उनके मुताबिक हाल ही में नेवी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए वाइस चीफ को 500 करोड़ रुपये दिए गए हैं। ऐसे में दोनों कमांड उनके सामने अपनी जरूरतों को पेश करेंगी। इसके अलावा कई बेहद गुप्त ऑपरेशसं पर भी चर्चा की जाएगी जो कभी बाहर नहीं आती है। इस कांफ्रेंस का मकसद चीन को आगे बढ़ने से रोकना भी है।