संभल :14 साल की छात्रा आंचल गिरि की मौत मामले में पुलिस को मिला सुसाइड नोट
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले खुद को गोली मारकर सुसाइड करने वाली छात्रा आंचल गिरि का लंबा सुसाइड नोट सामने आया है. इस सुसाइड नोट में छात्रा ने अपनी मौत के लिए सिर्फ खुद को जिम्मेदार ठहराया है.
वहीं सुसाइड नोट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी कई मामलों पर कार्रवाई की मांग की है. गुन्नौर थाना के कस्बा बबराला में 14 साल की छात्रा आंचल गिरि ने अपने घर में तमंचे से गोली मारकर सुसाइड कर लिया था. पुलिस ने पहले मामला संदिग्ध बताया था. सुसाइड नोट के सामने आने के बाद अब इसे आत्महत्या करार दिया है.
सीओ गुन्नौर, केके सरोज ने बताया कि 14 अगस्त को रात 10 बजे पुलिस को सूचना मिली कि आंचल गिरि नाम की एक लड़की है, जिसने आत्महत्या कर ली है.
मौके पर पुलिस ने एफएसएल टीम के साथ जांच की और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा. पोस्टमॉर्टम में भी सुसाइड का ही अंदेशा लगा. इसके कुछ दिन बाद आंचल का एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए सिर्फ खुद को जिम्मेदार ठहराया है और लिखा है कि उसके परिवारवालों को परेशान न किया जाए.
मेरा नाम आंचल गोस्वामी है. मुझे यह दुनिया पसंद नहीं है, क्योंकि यहां पर लोग झगड़े करते हैं. मां-बाप को वृद्धाश्रम भेज देते हैं. उनके साथ गाली-गलौज मारपीट करते हैं. लोग पेड़-पौधे अपने हितों के लिए काटते हैं. वह जानवरों पर अत्याचार करते हैं.
जो लोग मांसाहार का सेवन करते हैं ऐसे लोग मुझे बुरे लगते हैं. नफरत है ऐसे लोगों से जो अपने राष्ट्रगान पर खड़े होने से कतराते हैं. देश-विरोधी गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं. ऐसे लोगों को देश से निकाल देना जरूरी है.
आंचल ने लिखा कि प्रधानमंत्री आपको नमन है. मैं आत्महत्या अपनी इच्छा से कर रही हूं. इसका कोई भी जिम्मेदार नहीं है, न कोई घर वाला न कोई बाहर वाला. मम्मी से माफी मांगना चाहती हूं.
मम्मी पता नहीं मुझे क्या हो गया है. ऐसा लगता है कि कोई मुझे जीते हुए नहीं देखना चाहता. मैं मजबूर हूं, मेरे दिमाग ने क्या बना दिया, नर्क कर दी है मेरी जिंदगी. हां यह शरीर सिर्फ कपड़ा है जो कमजोर था…अलविदा.
आंचल ने सुसाइड नोट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए लिखा है कि देश में कई पीएम हुए पर माननीय प्रधानमंत्री जी आप जैसा कोई नहीं. मेरे हृदय में आपके लिए अत्यधिक सम्मान है, काश मैं अपनी उम्र आपको दे पाती. आपमें संस्कार कूट-कूट कर निवास करते हैं.
यह देश वर्षों से अंधेरे में था और आप पहले सूर्य बनकर उभरे हैं. प्रधानमंत्री जी मैं आपसे पर्सनल मीटिंग करना चाहती थी, परंतु यह असंभव है, क्योंकि आप खुद को ही समय नहीं दे पाते हो. निरंतर देश की सेवा में लगे रहते हो. श्रीराम मंदिर का शिलान्यास पर उसने लिखा कि बरसों से अधूरे पड़े कार्यों को आपने पूर्ण किया, जय श्रीराम.
उसने लिखा है कि परिस्थितियां बड़ी अनमोल होती हैं, क्योंकि कभी हमें पार लगा देती हैं तो कभी डुबो देती हैं. मैं निराकार अर्थात शिव के निष्काल रूप से प्रार्थना करती हूं कि भारत को मजबूत बनाएं, अमर बनाएं. भारत तो औषधि का देश है, पर अब प्रदूषित हवा हर जगह फैल रही है. प्रधानमंत्री जी क्या आप मेरी इच्छाओं को पूर्ण कर सकेंगे.
प्रधानमंत्री जी भारत की आबादी 135 करोड़ हो चुकी है. वह दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इससे संसाधन की पूर्ति करना असंभव हो जायेगा, इसलिए दो से अधिक बच्चे होने पर सख्त से सख्त कानून बनाएं तथा ऐसे लोगों को जेल भेजने के साथ ही रुपया भी वसूला जाए.
इससे सभी प्रकार का प्रदूषण कम होगा. प्रधानमंत्री जी कई बार डाक्टर दवाओं पर अधिक पैसे लेते हैं. ऐसे डाक्टरों पर कार्रवाई होनी चाहिए. आम आदमी या मरीज का उत्पीड़न होता है. इस विषय में सहायता के लिए आप हॉस्पिटल में एक पोस्टर लगवाएं. किसी का उत्पीड़न हो या ज्यादा पैसा वसूला जाये तो शिकायत कर सके.
निराकार शिव का निष्काम रूप शिव भगवान के 101 गणों की पूजा-अर्चना के लिए ग्राम सैंजना एहरान में दुर्गा गिरि अंश के गोस्वामी गुरु होते हैं.
कृपया आप उस मठ का भव्य मंदिर निर्माण करवा दें. जब हम गांव में प्रवेश करते हैं तो वहां मांसाहार का होटल है कृपया उसे उस जगह से हटवा दें. मठ को बड़ा बनवा देना, सुंदर. यह मेरी आखिरी इच्छा है.