राष्ट्रीय महासचिव व असम के प्रभारी बनने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों को खतरे में डाल रही है। साथ ही उन्होंने साफ किया है कि वह राज्य की सियासत से दूर नहीं जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने पार्टीजनों से कहा कि वे उनपर नहीं, पीएम मोदी पर निशाना साधे।
राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने पत्रकारों से वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2019 में असम की सभी लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने की पुरजोर कोशिश होगी। उन्होंने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि आज कांग्रेस का फोकस तालमेल पर नहीं बल्कि लोकतंत्र की रक्षाकरने पर है। सत्ता के संवैधानिक तंत्र को तहस-नहस करने के मंसूबे रोकना बड़ी चुनौती है।
उन्होंने ये भी कहा कि देश में महंगाई से आमजन परेशान है। उन्होंने भीड़ द्वारा सौ गरीब और कमजोर तबकों की बेवजह हत्या के मामलों का भी उल्लेख किया है, उनका कहना है कि यह बेहद खेदजनक है। बेरोजगार किसान सरकार की नीतियों से व्यथित है। इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि हिमालयी राज्यों को ग्रीन बोनस आगामी आम चुनाव में कांग्रेस का मुद्दा बनेगा।
वहीं, गुटबाजी के एक सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि राजनीति में खुलापन और संवाद जरूरी है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि पार्टीजनों को सोशल मीडिया में एक्टिव होना चाहिए लेकिन निशाना पीएम मोदी होने चाहिए वह नहीं। इस मौके पर कांग्रेस नेता खजान पांडेय, सरिता आर्य, रेनू रावत, आनंद रावत, धीरज बिष्ट, प्रयाग भट्ट, जुनैद, त्रिभुवन फर्त्याल, सरवर खान, गोपाल बिष्ट, मारुति साह आदि मौजूद रहे।