श्रीदेव सुमन विवि से संबद्धता के लिए 177 आवेदनों पर विवि प्रशासन ने लगाई आपत्ति…
श्रीदेव सुमन विवि से संबद्धता के लिए 199 ऑनलाइन आवेदनों में से 177 पर विवि प्रशासन ने आपत्ति लगा दी है। मात्र 22 संस्थानों के आवेदन ऐसे थे जो विवि के मानकों पर खरे उतरे। आपत्तियों के निस्तारण के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया है। इसके बाद किसी भी तरह के आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
विश्वविद्यालय से सत्र 2020-21 में संबद्धता के लिए आवेदन की शुरुआत बीते 20 जुलाई से हुई थी। जिन संस्थानों के आवेदनों पर आपत्ति लगाई गई उनमें ज्यादातर के जमीन, भवन, फैकल्टी, दस्तावेज, रजिस्ट्रेशन आदि के कागज पूरे नहीं थे।
पहले संबद्धता में होता था खेल
फरवरी 2020 में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की टीम परीक्षा के दौरान हरिद्वार जिले के लक्सर में एक कॉलेज में निरीक्षण के लिए पहुंची तो वहां कॉलेज ही नहीं मिला। इस पर विवि ने परीक्षा केंद्र निरस्त कर दिया था। पहले के वर्षों में भी विवि की टीम को ऐसे कई कॉलेज मिले जहां पर भवन और फैकल्टी मानकों के अनुरूप नहीं थी। उसके बाद भी उन्हें गलत तरीके से संबद्धता दी गई थी। इसी फर्जीवाड़े को रोकने के लिए वर्तमान कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी ने ऑनलाइन संबद्धता की व्यवस्था शुरू की है। इसके बाद कॉलेज संचालकों में भी खलबली मची है।
छात्रों को होगा लाभ
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी ने बताया कि पहले युवा जानकारी के अभाव में ऐसे कॉलेज में दाखिला ले लेते थे, जिसके पास न अपना भवन होता था और न ही सुविधाएं होती थी। यहां तक कि कॉलेज में फैकल्टी भी नहीं होती थी। अब ऑनलाइन संबद्धता से सारी चीजें पारदर्शी रहेंगी। छात्र किसी भी कॉलेज में दाखिला लेने से पहले उसकी पूरी जांच पड़ताल कर सकेंगे और गलत कॉलेज में प्रवेश लेने से बच पाएंगे।
वहीं, श्रीदेव सुमन विवि बादशाहीथौल के कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी ने बताया कि पारदर्शिता लाने और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए ऑनलाइन संबद्धता की व्यवस्था शुरू की गई है। इसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं। 177 आवेदन मानकों के तहत नहीं थे।