बहराइच के कई दर्जन गांवों में नेपाल से छोड़ने से मची तबाही
नेपाल से छोड़े गए पानी से बहराइच जिले की चार तहसीलों में बाढ़ की स्थिति काफी गंभीर होती जा रही है. घाघरा नदी के तटवर्ती 7 दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. घाघरा नदी एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. घाघरा की लहरें बढ़ते जलस्तर के कारण विकराल होती जा रही हैं.
लगभग 1 दर्जन से अधिक संपर्क मार्ग जलमग्न हो गए हैं. कई गांवों का संम्पर्क तटबंधों से पूरी तरह टूट गया है. गांव बिल्कुल टापू की तरह दिखाई दे रहे हैं.
जहां पर पहुंचने का एकमात्र साधन केवल नाव ही है. कई विद्यालय और ग्राम सचिवालय में पानी भरा हुआ है. हजारों बीघे फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. जिले की लगभग दो लाख की आबादी प्रभावित हुई है.
हालात इतने भयावह है कि शासन प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत और बचाव कार्य नाकाफी साबित हो रहे हैं. कई स्थानों पर ग्रामीण बाढ़ से बचने के लिए अपने मकान की छतों पर बसेरा बनाए हुए हैं. जबकि कई स्थानों पर बाढ़ पीड़ित ग्रामीण तटबंधों पर पलायन करके त्रिपाल व पन्नी तानकर किसी तरह अपना एक-एक दिन काट रहे हैं.
ऐसे में बाढ़ की स्थितियों का जायजा लेने के लिए एबीपी गंगा की टीम ने महसी तहसील के टिकुरी, कोढ़वा, पिपरी, पिपरा, गोलागंज, सुकुल पुरवा, जोगा पुरवा, कायमपुर, जर्मापुर इत्यादि कई गांवों का नांव से ही दौरा किया.
बाढ़ पीड़ितों ने अपना दर्द बताते हुए कहा लगभग 20 दिनों से हमारे घरों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है. जिससे हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गांव वालों ने प्रशासन पर कोई मदद न करने का आरोप लगाया.