जनरल बिपिन रावत ने कहा- बातचीत असफल रहने पर सैन्य विकल्पों पर किया जा रहा विचार
चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर चीन के साथ बातचीत असफल रहती है तो, सैन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच अप्रैल-मई से ही फिंगर एरिया, गलवन घाटी, हॉट स्प्रिंग्स और कुंगरंग नाला सहित कई क्षेत्रों को लेकर गतिरोध चल रहा है।
सीडीएस रावत ने कहा, ‘लद्दाख में चीनी सेना द्वारा किए गए अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्य विकल्प खुले हुए हैं, लेकिन इसका उपयोग केवल तभी किया जाएगा जब दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर पर चल रही बातचीत फेल हो जाती है।’
सीडीएस रावत ने आगे कहा, ‘रक्षा सेवाओं का काम निगरानी रखना और ऐसे अतिक्रमण को घुसपैठ में तब्दील होने से रोकने का है। सरकार चाहती है कि शांतिपूर्ण तरीके से मसले सुलझाए जाएं। अगर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पूर्वस्थिति बहाल करने की कोशिशें सफल नहीं होती हैं तो सैन्य कार्रवाई के लिए रक्षा सेवाएं हमेशा तैयार रहती हैं।’
गौरतलब है कि दोनों पक्षों के बीच पिछले तीन महीनों से दर्जन बार कूटनीतिक और सैन्य वार्ताएं हो चुकी हैं, जिसमें पांच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता भी शामिल हैं, लेकिन अभी तक विवाद सुलझाने की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है। भारतीय सेना ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को यह बात स्पष्ट रूप से बता दी है कि एलएसी को बदलना उन्हें मंजूर नहीं है। इसके बाद सैन्य कमांडरों ने एलएसी पर मौजूद कमांडिंग अफसरों से किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार रहने के लिए कह दिया है।