भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा-2018 में कांग्रेस ने उपमुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की थी, लेकिन ठुकरा दिया प्रस्ताव
भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें 2018 के राज्य चुनावों के बाद मध्य प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव को ठुकरा दिया और लोगों के लिए काम करने का फैसला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सत्ता में आने के लिए झूठे वादें करके राज्य की जनता को धोखा दिया है। भाजपा के राज्यसभा सांसद ने अपनी पार्टी की तीन दिवसीय सदस्यता अभियान को संबोधित करते हुए यह बात कही, जो आज समाप्त होगा।
बता दें कि यह पहला अवसर है कि सिंधिया ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि उन्हें कांग्रेस द्वारा यह पद दिया गया था। इस साल मार्च में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि सिंधिया को उपमुख्यमंत्री के पद की पेशकश की गई थी, लेकिन कमलनाथ ने सिंधिया के चेले को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया था। सिंधिया ने कांग्रेस पर आगे निशाना साधते हुए कहा, ‘मैं समझ गया कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह 15 महीनों में कांग्रेस सरकार को बर्बाद कर देंगे। कांग्रेस ने राज्य में सत्ता में आने के लिए 10 दिनों में किसानों की कर्ज माफी जैसे झूठे वादों के साथ लोगों को धोखा दिया। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वादा किया था कि 10 दिनों के भीतर 2 लाख रुपये तक के किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे या फिर मुख्यमंत्री को ग्यारहवें दिन वापस भेज दिया जाएगा।
सिंधिया ने इस साल मार्च में कांग्रेस छोड़ दी थी और बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। ग्वालियर में भाजपा की सदस्यता अभियान के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन पर निशाना साधते हुए सिंधिया ने कहा कि कम से कम वे (कांग्रेस नेता) मप्र में सरकार गिरने के पांच महीने बाद भाजपा के अभियान के विरोध में अपने घरों से बाहर निकले। मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनावों के मद्देनजर विशेष रूप से सत्तारूढ़ भाजपा ने शनिवार को यहां सदस्यता अभियान शुरू किया।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने मार्च में इस्तीफा दे दिया था। इनमें से ज्यादातर सिंधिया खेमे से थे। इसके राज्य में 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार गिर गई और भाजपा ने सरकार बना ली। ये पूर्व विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने सिंधिया को राज्यसभा भेजा, जबकि उनके कई वफादारों को शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण पद मिले। पिछले महीने, राज्य में तीन और कांग्रेसी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए और दो अन्य की मौत हो गई है। ऐसे में राज्य में 25 विधानसभा सीट खाली हैं। भाजपा के पास इस वक्त 107 औक कांग्रेस के पास 89 विधायक हैं।