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सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने दिया G-23 को यह संदेश यहाँ जाने

कांग्रेस ने केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए प्रमुख अध्यादेशों पर चर्चा और पार्टी का रुख तय करने के लिए बुधवार को पांच सदस्यीय समिति का गठन किया. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित इस समिति के संयोजक जयराम रमेश होंगे.

इसमें ऐसे किसी भी नेता का नाम नहीं है, जो बीते दिनों चिट्ठी लिखने के कारण चर्चा में आए थे. इस कमेटी में वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और दिग्विजय सिंह को समिति का सदस्य बनाया गया है. कांग्रेस के लोकसभा सदस्य गौरव गोगोई और डॉक्टर अमर सिंह भी इस समिति में शामिल होंगे. वेणुगोपाल ने कहा कि यह समिति केंद्र की ओर से जारी प्रमुख अध्यादेशों पर चर्चा और पार्टी का रुख तय करने का काम करेगी.

पी चिदंबरम उन नेताओं में से एक हैं जिनसे सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ने जेल में मुलाकात की थी. चिदंबरम पार्टी के मामलों पर पूरी तरह से काम रहे हैं और सोनिया गांधी की मदद के लिए संभावित उपाध्यक्ष या समिति के सदस्यों में से एक बनने की भी अटकलें लगाई जा रही हैं.

एक ओर जहां चिदंबरम आर्थिक मामलों के जानकार हैं तो वहीं उनके पास कानूनी जानकारियां भी हैं. चिदंबरम के चयन को वकील कपिल सिब्बल की जगह माना जा रहा है. सिब्बल हाल ही में राजस्थान संकट के दौरान अदालत में पार्टी का पक्ष रखा था. सिब्बल उन 23 लोगों में थे, जिन्होंने चिट्ठी लिखी थी.

इसके साथ ही दिग्विजय सिंह की बात करें तो मध्य प्रदेश संकट के बाद कई लोगों का मानना था कि उनका करियर राजनीतिक रूप से खत्म हो गया क्योंकि उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी से जाने के लिए जिम्मेदार माना जाता था. उनकी नियुक्ति गुलाम नबी आज़ाद और आनंद शर्मा के लिए एक संदेश माना जा रहा है.

वहीं बात जयराम रमेश की करें तो उन्हें समिति का संयोजक बनाया गया है. रमेश की समिति में वापसी को आनंद शर्मा के लिए झटका माना जा रहा है. इसके साथ ही यह संदेश भी गया है कि सोनिया गांधी अब भी रमेश पर यकीन करती हैं.

गौरतलब है कि कांग्रेस कार्यसमिति ने सोमवार को सोनिया गांधी और राहुल गांधी के हाथ हरसंभव तरीके से मजबूत करने का निर्विरोध प्रस्ताव पारित किया था और यह भी स्पष्ट किया गया था कि किसी को भी पार्टी और उसके नेतृत्व को कमजोर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वालों में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, पीजे कुरियन, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा और अजय सिंह शामिल हैं.

उत्तर प्रदेश प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष राज बब्बर, दिल्ली पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, हिमाचल प्रदेश पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर, बिहार अभियान के मौजूदा अध्यक्ष अखिलेश सिंह, हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष योगनंद शास्त्री, पूर्व सांसद संदीप दीक्षित के हस्ताक्षर भी चिट्ठी पर हैं.

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