बड़ी खबर : सुप्रीम कोर्ट ने डिग्री कॉलेजों में फाइनल ईयर की परीक्षाओं को करवाने पे लगाई मुहर
सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में स्नातक कोर्सेज की फाइनल ईयर परीक्षाएं कराने के यूजीसी के गाइडलाइन्स पर अपनी मुहर लगा दी है. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि राज्य बिना विश्वविदयालय अनुदान आयोग के बिना विश्वविदयालय की परीक्षाओं को रद्द नहीं कर सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि फाइनल ईयर/सेमेस्टर की परीक्षाएं आयोजित किए बिना छात्रों को पास नहीं किया जा सकता. राज्यों को यूजीसी गाइडलाइन्स के मुताविक 30 सितंबर 2020 के पहले परीक्षाओं को आयोजित कराना होगा. शीर्ष अदालत ने कहा कि जो राज्य 30 सितंबर 2020 तक अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने के इच्छुक नहीं हैं, उन्हें यूजीसी को इसकी जानकारी देनी होगी.
विदित हो कि इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अशोक भूषण कि अध्यक्षता वाली खंडपीठ कर रही थी. इस पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह हैं. पीठ ने दोनों पक्षों के बहस और जिरह को सुनने के बाद 18 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए दोनों पक्षों को अपनी को दलीलें तीन दिनके अन्दर लिखित रूप में पेश करने का निर्देश दिया था.
आपको बता दें कि विश्वविद्यालय अनदान आयोग ने 6 जुलाई 2020 एक संशोधित गाइडलाइन्स जारी किया था जिसमें यह कहा गया था कि देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को अनिवार्य रूप से 30 सितंबर 2020 तक पूरा कर लिया जाए.
इस गाइडलाइन्स में यह छूट दी गई है कि विश्वविदयालय ये परीक्षाएं ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी मोड़ में करवा सकती है. कोरोना वायरस कोविड-19 के चलते परीक्षाओं का कई राज्यों में भारी विरोध किया जा रहा है.
दिल्ली, हरियाणा,पंजाब, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सहित कुछ राज्यों ने राज्य के विश्वविदयालयों और डिग्री कॉलेजों के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं सहित अन्य परीक्षाओं को रद्द कर दिया है. जबकि यूजीसी का कहना है कि अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को आयोजित किए बिना स्नातक करने वाले छात्रों को डिग्री नहीं दी जा सकती.