कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुहर्रम जुलूस निकालने से किया इंकार
उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुहर्रम के दौरान ताजिया का जुलूस निकालने और ताजिया दफनाने की अनुमति दिए जाने की मांग वाली याचिकाओं को शनिवार को खारिज कर दिया.
न्यायमूर्ति एसके गुप्ता और न्यायमूर्ति शमीम अहमद की पीठ ने रोशन खान और कई अन्य द्वारा दायर इन याचिकाओं पर शुक्रवार को निर्णय सुरक्षित रख लिया था. याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि मुहर्रम के दौरान जुलूस निकालने पर किसी तरह की रोक, धर्म का पालन करने के उनके मौलिक अधिकार का हनन है.
याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा साथ ही इसी अवधि में राज्य सरकार द्वारा कई अन्य धार्मिक गतिविधियों की अनुमति दी गई, लेकिन केवल मुहर्रम के जुलूस की अनुमति नहीं दी गई जोकि राज्य सरकार की तरफ से भेदभावपूर्ण कार्रवाई है याचिकाकर्ताओं ने ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा निकालने की अनुमति दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया.
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए सरकारी वकील रामानंद पांडेय ने अपनी दलील में कहा कि धर्म के पालन की स्वतंत्रता परम अधिकार नहीं है और यह सार्वजनिक आदेश, नैतिकता और स्वास्थ्य से बंधा है. चूंकि कोविड-19 एक महामारी है, राज्य सरकार जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगा सकती है. राज्य की कार्रवाई भेदभावपूर्ण नहीं है, बल्कि अगस्त महीने में गणेश चतुर्थी और कृष्ण जन्माष्ठमी त्यौहारों के दौरान भी झांकी निकालने की अनुमति नहीं दी गई. लोगों को अपने घरों में धार्मिक कार्य करने की अनुमति है, ना कि सार्वजनिक जगहों पर.
याचिकाकर्ताओं के इस आरोप पर कि राज्य सरकार का निर्णय भेदभावपूर्ण है, अदालत ने कहा इस दलील का कोई आधार नहीं है और सभी धार्मिक समुदायों के लिए एक ही मापदंड अपनाया गया है और उन्हें किसी तरह के जुलूस या झांकियां निकालने से रोका गया है
जगन्नाथ रथ यात्रा की अनुमति पर अदालत ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने कोई सामान्य निर्देश पारित नहीं किया है, बल्कि वार्षिक रथ यात्रा निकालने की अनुमति दी है जोकि एक विशेष स्थान पुरी से संबंधित है और वह भी केवल एक स्थान से दूसरे स्थान तक सीमित है.
बंबई हाईकोर्ट ने मुहर्रम के लिए ताजिया जुलूस की इजाजत देने के बाद मुंबई पुलिस ने लोगों से बड़ी संख्या में इकट्ठा नहीं होने और सड़कों पर भीड़ नहीं लगाने का अनुरोध किया है. अदालत के आदेश के मुताबिक शिया मुस्लिम समुदाय के लोगों को आज केवल ट्रक के जरिए पूर्व निर्धारित मार्ग पर शाम साढ़े चार बजे से साढ़े पांच बजे के बीच जुलूस निकालने की अनुमति होगी.
पैदल जुलूस की इजाजत नहीं होगी. एक ट्रक पर अधिकतम पांच लोगों को जाने की अनुमति होगी और भिंडी बाजार से शिया कब्रिस्तान तक अंतिम 100 मीटर के लिए ताजिया के साथ केवल पांच लोगों को जाने की इजाजत होगी.