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आप नेता संजय सिंह के खिलाफ उत्तर प्रदेश में एफआईआर दर्ज

जातिगत सर्वे को लेकर कल मंगलवार से चल रहा तूफान अब थमने लगा है. कारण ये है कि सर्वे कराने वाले लोगों को पता चल गया है. आम आदमी पार्टी ने खुल्लम-खुल्ला इस सर्वे का जिम्मा लिया. पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने वीडियो जारी करके सर्वे कराने की जिम्मेदारी ली है. साथ ही उन्होंने कहा है कि इसके एवज में उनके ऊपर योगी सरकार ने मुकदमा क्यों दर्ज कराया है. हमने सर्वे कराया है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है.

संजय सिंह ने जारी वीडियो में आरोप लगाया है कि योगी सरकार एक जाति विशेष के लिए काम कर रही है. पार्टी ने लोगों से यही तो पूछा है कि क्या योगी सरकार एक जाति विशेष के ही काम कर रही है. इसमें गलत क्या है? फिर सर्वे के नतीजे आने से पहले ही सरकार में इतनी बौखलाहट क्यों हो गयी है? उन्होंने कहा कि सरकार इसकी जांच पड़ताल में जनता के पैसे न खर्च करे क्योंकि सर्वे हमने कराया है और जो कुछ पूछताछ करनी है सीधे मुझसे की जाये.

उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा के ही कई विधायकों ने सरकार पर जातिवादी होने के आरोप लगाये हैं. संजय सिंह ने राधा मोहन दास अग्रवाल का नाम लिया. संजय सिंह ने ये भी कहा कि सूबे में ब्राह्मणों और दलितों की हत्या करना अपराध नहीं है लेकिन, योगी सरकार जातिवादी है या नहीं ये सर्वे कराना अपराध है.

बता दें कि कल मंगलवार को धड़ाधड़ लोगों के पास एक कॉल सेंटर से फोन आने लगे. इसमें ये कहा जा रहा था कि यदि योगी सरकार में केवल ठाकुर समाज के काम हो रहे हैं तो एक दबाइये और नहीं तो दो दबाइये. इस मामले को लेकर हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज किया गया है.

दूसरी ओर भाजपा ने संजय सिंह और आम आदमी पार्टी पर हमला बोल दिया है. उन्होंने कहा कि मुद्दों के अभाव में हताश विपक्ष जातिगत राजनीति पर उतर आया है. प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि यूपी में डबल इंजन की सरकार में विकास की नयी इबारत लिखी है. विकास को समाज को अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचाया है. हम विकास कर रहे हैं इसलिए दूसरी पार्टियां जाति को बीच में ला रही हैं.

AAP ने  लिया यूपी में जातिगत सर्वे का जिम्मा, बीजेपी ने कहा- हिंदू ही क्यों, शिया और सुन्नी का भी करें

संजय सिंह ने सर्वे का जिम्मा मारे डर के लिया है क्योंकि उन्हें पता था कि मुकदमे के जांच में उनका नाम सामने आना ही है. वो पहले भी कई बार माफी मांग चुके हैं. मनीष शुक्ला ने ये भी सवाल खड़ा किया कि हिन्दुओं को ही अलग अलग करके विपक्षी पार्टियां क्यों देखती हैं. क्या मुसलमानों में शिया और सुन्नी की अलग अलग स्थिति जानने के लिए कभी कोई सर्वे किया.

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