नई दिल्ली मेट्रो में सफर के लिए जाने ये नए नियम
दिल्ली की लाइफलाइन यानी दिल्ली मेट्रो 7 सितंबर से फिर दौड़ने लगेगी. पांच महीनों से भी ज्यादा लंबे वक्त के बाद, मेट्रो चरणबद्ध तरीके से खुलेगी. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए सभी स्टेशनों पर 800 अधिकारी/स्टाफ तैनात रहेंगे. स्टेशन के प्रवेश द्वारों/फ्रिस्किंग एरिया में सभी यात्रियों को थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा तथा हाथों को सेनिटाइज करना होगा. 45 प्रमुख स्टेशनों पर ऑटो थर्मल सह हैंड सेनिटाइजेशन मशीनों’ की व्यवस्था की गई है.
बाकि मेट्रो स्टेशनों पर हैंड सेनिटाइजेशन के लिए ‘ऑटो सेनिटाइजर डिस्पेंसर’ लगे होंगे और थर्मल स्क्रीनिंग मैनुअली ‘थर्मल गन’ के द्वारा की जाएगी. यह सुविधा फ्रिस्किंग/प्रवेश स्थल पर डीएमआरसी/सीआईएसएफ कर्मियों द्वारा दी जाएगी. जिन यात्रियों में बुखार अथवा कोविड-19 के लक्षण होंगे, उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी.
1 -स्टेशन पर, यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा, जिसके लिए फ्रिस्किंग प्वाइंटों, कस्टमर केयर, एएफसी गेटों आदि पर लगभग एक मीटर की दूरी पर चिह्न बनाए गए हैं.
2 -लिफ्ट को पेडल से इस्तेमाल में लाया जाएगा यानी कि किसी बटन को नहीं छू न होगा साथ ही लिफ़्ट की क्षमता के आधार पर एक बारी में केवल 2-3 व्यक्तियों को ही लिफ्ट के उपयोग की अनुमति होगी.
3 -स्टेशनों के भीतर नियमित रूप से उद्घोषणाएं की जाएंगी ताकि नई यात्रा नियमावली के पालन की आवश्यकता को दोहराया जाता रहै.
4 -सभी स्टेशनों पर तैनात लगभग 800 अधिकारियों/कर्मचारियों की टीम स्टेशनों के भीतर कार्यावधि के दौरान साफ-सफाई और सुव्यवस्था सुनिश्चित करेगी. इसके अतिरिक्त वे भीड़ के बढ़ जाने तथा सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन न होने की स्थिति में स्टेशन में यात्रियों के प्रवेश को नियंत्रित करेंगे/रोकेंगे.
5 -भीड़ के नियंत्रण के लिए, स्टेशनों/ट्रेनों में लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी भी की जाएगी
मेट्रो के अंदर
1-ट्रेनों में यात्रियों को एक सीट छोड़कर अथवा खड़े रहने के लिए एक मीटर की दूरी बनाकर यात्रा की अनुमति दी जाएगी. ‘यहां नहीं बैठें’ संदेश वाले स्टिकर एक सीट छोड़कर चिपकाए गए हैं. ताकि ट्रेन के भीतर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखी जा सके.
2-प्रत्येक स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव समय 10 सेकेंड तक बढ़ाया जाएगा (पहले 10-15 सेकेंड से अब 20-25 सेकेंड) ताकि यात्रियों को चढ़ने और उतरने के लिए पर्याप्त समय मिल सके. इंटरचेंज स्टेशनों पर ट्रेनें 20 सेकेंड अतिरिक्त रुकेंगी (पहले 35-40 सेकेंड से अब 55-60 सेकेंड).
3-सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने तथा मास्क पहनने के लिए ट्रेनों में पहले से रिकार्ड की गईं ऑडियो/वजुअल उद्घोषणाएं की जाएंगी.
4-टर्मिनल स्टेशनों पर ट्रिप की समाप्ति पर ट्रेनों को सेनिटाइज किया जाएगा। इसी प्रकार, दिन की समाप्ति पर ट्रेनों के डिपो में वापस जाने पर, उन्हें पुनः भली-भांति सेनेटाइज किया जाएगा.
5-टर्मिनल स्टेशनों पर ट्रेन के दरवाजों को खुला रखा जाएगा ताकि ताजी हवा ट्रेन में आ सके.
टिकटिंग सिस्टम
1-टोकन लेकर यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी ताकि बार-बार की टचिंग/हैंडलिंग के माध्यम से होने वाले वायरस के प्रसार को रोका जा सके. केवल स्मार्ट कार्ड धारकों (एयरपोर्ट लाइन पर QR कोड भी) को यात्रा की अनुमति होगी, जिन्हें कई माध्यमों से मानवीय संपर्क के बिना डिजिटल तरीके से रीचार्ज कराया जा सकता है.
2-टिकट वेंडिंग मशीनों (टीवीएम) अथवा ग्राहक सेवा केंद्रों पर स्मार्ट कार्डों को केवल कैशलेस माध्यम से रीचार्ज कराया जा सकेगा। टिकट वेंडिंग मशीनें नकदी स्वीकार नहीं करेंगी.
स्वच्छता और आरोग्य
1-मेट्रो स्टेशनों की नियमित रूप से साफ-सफाई की जाएगी और यात्री आवाजाही वाले क्षेत्रों जैसे कॉनकोर्स, पैसेज, प्लेटफार्म, सीढ़ियां, शीशे लगे स्थान, स्टील लगे स्थान इत्यादि सहित विशेष रूप से शौचालयों की सफाई की जाएगी/कीटाणुनाशक के साथ प्रत्येक 4 घंटे में सेनिटाइज किया जाएगा.
2-मानव सम्पर्क वाले सभी क्षेत्रों अर्थात् लिफ्ट के बटन, एस्केलेटर की हैंडरेल, एएफसी गेट, कस्टमर केयर स्थलों को प्रत्येक 4 घंटे में अथवा जैसा आवश्यक हो, संक्रमणमुक्त किया जाएगा.
3-पूरे स्टेशन को संक्रमणमुक्त करने का कार्य रात्रि में कार्य घंटों के बाद किया जाएगा.
इसके अलावा जनता को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी रोजमर्रा की यात्रा के लिए 10-15 मिनट का अतिरिक्त समय लेकर चलें. साथ ही पॉकेट साइज़ हैंड सैनिटाइज़र बोतलें ही साथ रखें. 30 ml से अधिक मात्रा के हैंड सैनिटाइज़र के साथ यात्रा की अनुमति नहीं होगी.