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चीन के साथ मौजूदा हालात को देखते हुए यूपी सरकार ने लिया बड़ा फैसला

भारत-चीन विवाद को देखते हुए उत्‍तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने एक बड़ा फैसला लिया है. चीन की तमाम कंपनियों समेत कुछ अन्‍य पड़ोसी देशों की कंपनियों को बैन कर दिया गया है. अब ये कंपनियां यूपी के किसी भी सरकारी प्रोजेक्‍ट में टेंडर नहीं डाल सकेंगी. सीएम योगी आदित्‍यनाथ की ओर से यह आदेश सभी विभागों को भेज दिया गया है.

यूपी सरकार एक सक्षम प्राधिकरण बनाएगी. संबंधित देशों की कम्पनियों को पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. रजिस्ट्रेशन से पहले इन कम्पनियों को रक्षा मंत्रालय,विदेश मंत्रालय से राजनीतिक सहमति और गृह मंत्रालय से सुरक्षा संबंधी अनुमति लेनी होगी. रजिस्ट्रेशन करवाने वाली हर कम्पनी की रिपोर्ट हर तीन महीने बाद केंद्र को भेजी जाएगी.

चीन पर अब योगी सरकार का प्रहार, पड़ोसी देश की कंपनियां यूपी के प्रोजेक्‍ट में नहीं ले सकेंगी हिस्‍सा

उत्तर प्रदेश सरकार की नजर जापान, अमेरिकी और यूरोपिय कंपनियों पर है, जो अब चीन से बाहर निकलने की सोच रही हैं. सूत्रों के मुताबिक ये कंपनियां चीन की तर्ज पर दूसरे देशों में कारोबार स्थापित करने की सोच रही हैं और बड़ा बाजार होने के नाते इसका विकल्प उन्हें भारत में नजर आ रहा है.

क्यों चीन के साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगाना भारत के लिए फ़ायदे का सौदा नहीं  है

इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने विदेशी कंपनियों को अपने यहां निवेश करने और उद्योग लगाने के लिए आकर्षित करने को लेकर एक टास्क फोर्स का गठन किया है. यह टास्क फोर्स विदेशी कंपनियों के प्रदेश में रेड कारपेट बिछा रही हैं, जिसके फलस्वरूप हाल ही में एक दिग्गज जर्मन फुटवेयर कंपनी ने अपना प्लांट आगरा में शिफ्ट करने का फैसला किया है.

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