LIVE TVMain Slideखबर 50देशविदेश

क्या नेपाल-तिब्बत रेल लाइन में और निवेश करेगा चीन पढ़े पूरी खबर

भारत-चीन सीमा विवाद के बीच नेपाल ने भी बीते दिनों लिपुलेख में सेना की एक पूरी टुकड़ी तैनात कर भारत को संदेश देने की कोशिश की है. अब खबर आ रही है कि चीन बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव के तहत नेपाल से लेकर तिब्बत तक रेल लाइन बिछा रहा है, जो भारतीय सीमा के बेहद करीब से होकर गुजरती है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के साथ तनाव बढ़ता देख न सिर्फ इस रेल लाइन के काम में तेजी लाई गयी है, बल्कि चीन ने इस रेलवे डील में और ज्यादा निवेश करने का फैसला किया है.

बता दें कि BRI के तहत चीन नए सिल्क रोड के प्लान पर काम कर रहा है और इसके तहत चीन ने कई देशों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए डील की है. पाकिस्तान के साथ बन रहा इकॉनोमिक कॉरिडोर भी इसी का हिस्सा है. हाल ही में चीन ने तिब्बत में इन्फ्रास्ट्रक्चर में करीब 146 अरब डॉलर निवेश करने का प्लान बनाया है. ये निवेश पहले से जारी प्रॉजेक्ट्स को पूरा करने के अलावा नए प्रॉजेक्ट्स शुरू करने के लिए भी किया जाएगा. इसमें लंबे वक्त से लंबित नेपाल से तिब्बत के बीच रेल लिंक को पूरा करने का काम भी शामिल है. चीन तिब्बत-नेपाल के बीच काठमांडू और तिब्बत के दूसरे सबसे बड़े शहर शिगात्से को जोड़ने वाली रेलवे लाइन पर भी जोर दे रहा है.

अब केन्या की अदालत ने चीन को दिया झटका, करीब 24,320 करोड़ का रेलवे  कॉन्ट्रैक्ट अवैध करार | Now Kenya court gives blow to China, railway  contract worth about 24,320 crores illegal - Hindi ...

वैसे तो BRI के तहत बन रहे प्रोजेक्ट्स भारत के लिए लगातर ख़तरा बने हुए हैं लेकिन ये रेल लाइन सामरिक दृष्टि से काफी खतरनाक मानी जा रही है. BRIके तहत 72 किमी रेलवे लाइन तिब्बत से काठमांडू होकर लुंबिनी तक जाएगी जो भारतीय सीमा के करीब है.

India-China Standoff: भारत से तनाव के बीच नेपाल से तिब्बत तक रेल लाइन बिछा रहा चीन

यहां नेपाल चीन और भारत के बीच का बफर जोन है जिसे भारत अपना प्राकृतिक साथी मानता है लेकिन चीन ने इस प्रोजेक्ट के जरिए वहां अपनी पैठ बढ़ानी शुरू कर दी है. चीन लगातार नेपाल के इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट्स में बड़े स्तर पर निवेश कर रहा है. उधर पेंटागन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि BRI और अन्य निवेश के जरिए चीन लगातार भारत के चारों तरफ मौजूद देशों में सैन्य अड्डे बना रहा है.

अरुणाचल तक पहुंची चीन की रेल लाइन, भारत के लिए क्यों है चिंता की वजह? |  rest-of-world - News in Hindi - हिंदी न्यूज़, समाचार, लेटेस्ट-ब्रेकिंग  न्यूज़ इन हिंदी

बता दें कि साल 2018 में इसके लिए नेपाल और चीन के बीच में डील हुई थी लेकिन CPEC पर हो रहे खर्चे के चलते इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया था. अब क्योंकि CPEC के कई प्रोजेक्स रुके हुए हैं और भारत के साथ तनाव बढ़ता जा रहा है ऐसे में इस रेल लाइन को जल्द से जल्द पूरा करने पर चीन का पूराफकस है. बता दें कि नेपाल के स्थानीय लोगों के बीच ये प्रॉजेक्ट ‘कागतको रेल’ (पेपर रेल) और ‘सपनको रेल’ (सपनों की रेल) कहकर प्रोजेक्ट किया जा रहा है.

Related Articles

Back to top button