महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश के मेडिकल कोर्सेज के लिए ख़त्म किया क्षेत्रीय आरक्षण का 70:30 फार्मूला
महाराष्ट्र गवर्नमेंट ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसला करते हुए राज्य के मेडिकल कोर्सेज में होने वाले दाखिले के लिए क्षेत्रीय आरक्षण के उस 70:30 फ़ॉर्मूले को रद्द कर दिया जिसके तहत 70 फीसद सीटें उसी क्षेत्र के लोकल स्टूडेंट के लिए आरक्षित होती थी जबकि बाकी 30 फीसद सीटें राज्य के दूसरे क्षेत्रों के छात्रों के लिए अरक्षित होती थी.
क्षेत्रीय आरक्षण के इस 70:30 फ़ॉर्मूला को रद्द करते हुए महाराष्ट्र सरकार के चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने विधानसभा में कहा कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में छात्रों के दाखिले अब NEET रिजल्ट के आधार पर किए जाएंगे. चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने इस मामले में कहा कि ‘महाराष्ट्र में 70:30 फ़ॉर्मूला के बजाय अब एक महाराष्ट्र, एक मेरिट का फ़ॉर्मूला लागू होगा.
महाराष्ट्र के मेडिकल कॉलेजों में चली आ रही क्षेत्रीय आरक्षण 70:30 की इस व्यवस्था को ख़त्म करने की मांग बहुत पहले से छात्रों और उनके अभिभावकों की तरफ से की जा रही थी. दरअसल क्षेत्रीय आरक्षण के इस 70:30 फ़ॉर्मूले के तहत मेडिकल कॉलेजों की 70 फीसद सीटें उन्हीं जिलों की छात्रों के लिए रिजर्व्ड होती थी जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थित होता था.
महाराष्ट्र के क्षेत्रीय आरक्षण के इस 70:30 फ़ॉर्मूले से सबसे अधिक नुकसान मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्र के छात्रों का होता था. क्योंकि इन दोनों क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बहुत कम है.नेशनल लेवल पर आयोजित होने वाली NEET 2020 की परीक्षा 13 सितंबर 2020 को आयोजित होने जा रही है. आज सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से NEET 2020 को रद्द / स्थगित करने के लिए दाखिल की गई एक नई याचिका को भी ख़ारिज कर दिया.