लॉकडाउन के बाद सब्जी के साथ अब दाल की कीमतों में धीरे-धीरे उछाल
देश में महंगाई का असर सब्जियों के बाद अब दालों पर भी पड़ने लगा है. हाल के कुछ दिनों में दाल की कीमतों में भी उछाल देखने को मिल रहा है.
दालों के भाव लगातार चढ़ रह हैं. हालांकि, राशन की दूसरी चीजों के दामों में कोई खास परिवर्तन देखने को नहीं मिल रहा है. इसके बावजूद दालों की कीमत बढ़ती ही जा रही है. पिछले साल सितंबर महीने की तुलना में इस साल दाल के कीमतों में 20 से 30 फीसदी उछाल आए हैं.
देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ ही दाल की कीमतों में उछाल पर खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है. मंत्रालय का कहना है कि सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है. सभी प्रकार के दाल की कीमतों की रोज मॉनिटरिंग की जा रही है. फिलहाल दाल की कीमतें पूरी तरह नियंत्रित हैं.
बता दें कि लॉकडाउन के बाद से ही दाल की कीमतों में धीरे-धीरे उछाल आता जा रहा है. इसकी शुरूआत चना दाल से हुई है. चना दाल की कीमत बाजार में 100 रुपये तक पहुंच गई है. इसके बाद अरहर दाल के थोक में भी तेजी आनी शुरू हो गई. अरहर दाल बाजार में 80 से लेकर 90 रुपये प्रति किलो बिकने लगी है. कारोबारियों का कहना है कि कोरोना काल में उपज कमजोर होने की वजह से दाल की कीमतों में उछाल आया है.
अगर बात दिल्ली-एनसीआर की करें तो दाल की कीमतों पिछले कुछ दिनों से उछाल देखने को मिल रहे हैं. गाजियाबाद के वैशाली में किराना स्टोर चलाने वाले मदन लाल कहते हैं पिछले सप्ताह से दाल के खरीददारों में कमी आई है. दाल की कीमत में 5 रुपये से लेकर 15 रुपये तक तेजी आई है.
इसके बावजूद ग्राहक दाल की कीमतों को लेकर मोल-भाव ज्यादा कर रहे हैं. मूंग छिलका दाल 90 रुपये, चना दाल 100 रुपये , खड़ी मसूर दाल 80 रुपये, मसुर धुली 90 रुपये, अरहर दाल 80 रुपये से 90 रुपये प्रति किलो हम बेक रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि कारोबारी कहते हैं कि चने के दाल की कीमतों में बढ़ोत्तरी उत्पादन कम होने से हुआ है. पुराना स्टाक खत्म होना भी मंहगाई का एक कारण हो सकता है. दुकानदारों के मुताबिक नई खरीद महंगी हो रही है इसलिए मूंग और उड़द की दालों के दाम बढ़ रहे हैं.