प्रियंका गांधी ने एक बार फिर योगी सरकार पर साधा निशाना जाने पूरा मामला
कांग्रेस पार्टी तमाम मुद्दों पर उत्तर प्रदेश सरकार पर लगातार हमलावर है. रोज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कई ट्वीट के माध्यम से सरकार को घेरने का प्रयास करती हैं. इसी क्रम में अब बुधवार को प्रियंका गांधी ने सरकारी नौकरियों के मुद्दे पर ट्वीट कर योगी सरकार पर निशाना साधा है.
प्रियंका ने लिखा है वाह री सरकार, पहले तो नौकरी ही नहीं दोगे. जिसको मिलेगी उसको 30-35 से पहले नहीं मिलेगी. फिर उस पर 5 साल अपमान वाली संविदा की बंधुआ मजदूरी. और अब कई जगहों पर 50 वर्ष पर ही रिटायर की योजना. युवा सब समझ चुका है. अपना हक मांगने वो सड़कों पर उतर चुका है
प्रियंका ने अपने ट्वीट में #राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस के साथ एक मशाल जुलूस का वीडियो भी पोस्ट किया है बता दें यूपी में सरकारी नौकरियों में भर्ती को लेकर योगी सरकार बड़े बदलाव की तैयारी में है. इसके तहत समूह ‘ख’ व ‘ग’ की भर्तियों में चयन के बाद पांच वर्ष तक संविदा कर्मचारी के तौर पर काम करना होगा. इस दौरान हर छह माह में कर्मचारी का मूल्यांकन किया जाएगा और साल में 60 फ़ीसदी से कम अंक पाने वाले सेवा से बाहर हो जाएंगे. लिहाजा पांच साल बाद उन्हीं कर्मचारी को नियमित सेवा में रखा जाएगा जिन्हें 60 फ़ीसदी अंक मिलेंगे. इस दौरान कर्मचारियों को नियमित सेवकों की तरह मिलने वाले अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं मिलेंगे.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कार्मिक विभाग इस प्रस्ताव को जल्द कैबिनेट के समक्ष लाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए हर विभाग से सुझाव मांगे जा रहे हैं. सभी विभागों से सुझाव लेने के बाद इसे कैबिनेट में लाया जा सकता है. इसके पीछे का तर्क यह है कि इस व्यवस्था से कर्मचारियों की दक्षता बढ़ेगी. साथ ही नैतिकता देशभक्ति और कर्तव्यपरायणता के मूल्यों का विकास होगा. इतना ही नहीं सरकार पर वेतन का खर्च भी कम होगा.
वाह री सरकार
पहले तो नौकरी ही नहीं दोगे। जिसको मिलेगी उसको 30-35 से पहले नहीं मिलेगी। फिर उस पर 5 साल अपमान वाली संविदा की बंधुआ मजदूरी।
और अब कई जगहों पर 50 वर्ष पर ही रिटायर की योजना।
युवा सब समझ चुका है। अपना हक मांगने वो सड़कों पर उतर चुका है।#राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस pic.twitter.com/Gg8w70GzdM
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 16, 2020
गौरतलब है कि मौजूदा व्यवस्था में अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया में चयनित कर्मचारियों को एक या दो वर्ष के प्रोबेशन पर नियुक्ति दी जाती है. इस दौरान कर्मियों को नियमित कर्मी की तरह वेतन व अन्य लाभ दिए जाते हैं. एक या दो वर्षों के प्रोबेशन अवधि के दौरान वे वरिष्ठ अफसरों की निगरानी में कार्य करते हैं. इसके बाद इन्हें नियमित किया जाता है. लेकिन प्रस्तावित नई व्यवस्था के तहत पांच वर्ष बाद ही मौलिक नियुक्ति की जाएगी. नई व्यवस्था में तय फार्मूले पर इनका छमाही मूल्यांकन होगा. इसमें प्रतिवर्ष 60 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले सेवा से बाहर होते रहेंगे. जो पांच वर्ष की सेवा तय शर्तों के साथ पूरी कर सकेंगे, उन्हें मौलिक नियुक्ति दी जाएगी.