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उत्तर प्रदेश में सब्जियों के भाव बढ़ने पर योगी आदित्यनाथ ने कसे अफसरों के पेंच

सब्जियों के भाव कुछ इस तरह चढ़ रहे हैं कि इससे खिन्न होकर सीएम योगी आदित्यनाथ को बोलना पड़ गया. उन्हें अफसरों को निर्देश देने पड़े कि जमाखोरी की वजह से ऐसा न होने पाये.

उन्हें याद है कि इन्हीं कीमतों ने एक बार अटल बिहारी बाजपेयी सरकार की नींद उड़ा दी थी. इसीलिए आनन-फानन में केन्द्र सरकार ने प्याज के निर्यात को रोका तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने अफसरों के पेंच कसे. लेकिन, आखिर बीते एक महीने में ऐसा क्या हो गया कि आलू, प्याज, टमाटर, लहसून, अदरक, परवल, करैला, बीन्स के भाव दोगुने हो गये.

Vegetable Price Hike

लौकी 20 की थी, 40 की हो गयी. हरी सब्जियों की कीमतों में उछाल आये तो एक हद तक बात समझ में आती है कि चलो इन दिनों बरसात की वजह से पैदावार गिर गयी होगी. पौध भी पानी से सड़ जाती है लेकिन, आलू. आपको याद नहीं होगा कि आपने कब इतना महंगा आलू खरीदा होगा.

Increased Rate Of Vegetables - आखिर प्याज और टमाटर के दाम क्यों हो गए  बेकाबू | Patrika News

आलू ने पिछले एक डेढ़ महीने से रफ्तार पकड़ी है. घर के बाहर ठेले वाले 10-15 रूपये किलो दे जाते थे. लेकिन, हर हफ्ते 5 रूपये प्रति किलो दाम बढ़ने शुरु हुए. पहले बीस, फिर पच्चीस और आज की तारीख में 40 रूपये प्रति किलो. आलू के एक व्यापारी ने बताया कि साल 2013 में इतना महंगा आलू बिका था और उसी ने बताया कि इस समय भाव क्यों तेज है.

The price of vegetables spoiled the budget of common people - Uttar Pradesh  Ghazipur Local News

दुबग्गा थोक सब्जी मंडी में आढ़ती मो. रियाज एण्ड कंपनी के आमिर ने बताया कि गनीमत है कि लॉक डाउन रहा नहीं तो आलू पचास में बिक रहा होता. आलू की फसल जब खेत में लगी थी तब मौसम बहुत खराब रहा. पैदावार में कमी का असर ये रहा कि यूपी के आलू बेल्ट का कोई भी कोल्ड स्टोरेज पूरा नहीं भर सका. जब पैदावार ही कम रही तो कीमत तो बढ़ेगी ही. इसमें और उछाल आता यदि लॉकडाउन न होता. सहालग और स्कूल कॉलेज बन्द होने से आलू की खपत बहुत कम रही. हालांकि उम्मीद ये है कि और कीमतों में बढ़ोतरी अब नहीं होनी चाहिए.

लखनऊ: सब्जियों के भाव में लगी आग तो CM योगी आदित्यनाथ ने कसे अफसरों के पेंच

टमाटर 80 पहुंच गया है. हिमाचल और उत्तराखण्ड से आने वाला टमाटर सीजन खत्म होने के कारण बन्द हो गया है. आप अभी जो टमाटर खा रहे हैं वो कर्नाटक से आ रहा है. इसीलिए महंगा है. थोक मण्डी दुबग्गा में आढ़ती हाज़ी अब्दुल कादिर एण्ड कंपनी के हम्ज़ा ने बताया कि बुधवार को 25 किलो की क्रेट 1300 रूपये में बिकी है यानी थोक में 52 रूपये किलो. तीन दिन पहले 1600 का भाव था. अब फुटकर में तो इसकी कीमत 80 रूपये किलो तक तो पहुंच ही जायेगी. हम्ज़ा को लगता है कि अगले एक दो महीने तक टमाटर ऐसे ही तेज बना रहेगा.

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