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इतने माह बाद भी नियंत्रण से बाहर है कोविड-19, वैक्‍सीन को लेकर भी लोगों में भ्रम की स्थिति- यूएन

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटारेश ने कहा है कि कोविड-19 सात माह बाद भी नियंत्रण के बाहर है। पूरी दुनिया की प्राथमिकता में जहां इससे पैदा हुई चुनौतियों से लड़ना है वहीं इसकी एक असरदार किफायती वैकसीन को सभी के लिए उपलब्‍ध कराना भी उसकी प्राथमिकता का हिस्‍सा होना चाहिए। यूएन महासभा के 75वें सत्र में होने वाले हाई लेवल वीक से पहले हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्‍होंने ये बाते कही हैं। उन्‍होंने कहा कि पूरी दुनिया की उम्‍मीदें इसकी कारगर वैक्‍सीन पर टिकी हुई हैं। केवल एक वैक्‍सीन के होने मात्र से ही इस विराट समस्‍या से नहीं निकला जा सकता है। इससे पूरी तरह से निकलने में अभी लंबा समय लगेगा।

गौरतलब है कि पूरी दुनिया में कोविड-19 लगभग तीन करोड़ लोग संक्रमित हैं और आने वाले दिनों में भी इसकी रफ्तार तेज होने की आशंका है। यूएन प्रमुख का कहना है कि इसको देखते हुए हमें नए और मौजूदा तरीकों को व्यापक स्तर पर बढ़ाना होगा। उनके मुताबिक अगले 12 महीनों के दौरान इस पर हमें तेजी से काम करना होगा। ये जानलेवा वायरस सीमाओं की परवाह नहीं करता इसलिए इसकी वैक्सीन को सार्वजनिक रूप से सभी के लिये लाभकारी उत्पाद के रूप में देखा जाना चाहिए। इसके लिए ये भी जरूरी है कि इस वैक्‍सीन को किफायती बनाया जाए ताकी ये सभी के लिए उपलब्‍ध हो सके। दुनिया के सभी लोगों तक इस वैक्‍सीन को पहुंचाने के लिए बड़ी रकम की जरूरत है।

गुटारेश ने ये भी कहा कि वैक्‍सीन आने से पहले ही इसको लेकर लोगों के मन में भ्रम पैदा होने लगा है। अभी से लोग इस वैक्‍सीन को लगवाने में हिचकिचाहट महसूस करने लगे हैं। इसको लेकर लोगों के बीच तरह की भ्रामक बातें फैल रही हैं। ये बेहद चिंता का विषय है। बहुत से देशों में बड़े जनसमूहों ने नई कोरोना वायरस वैक्सीन को लगवाने में अनिच्छा जाहिर की है, जो गलत भी है और चिंता की बात भी है। इस तरह की भ्रामक बातों को रोकने के लिए भी वैश्विक स्‍तर पर प्रयास करने की जरूरत है। लोगों में फैल रही गलत सूचनाओं को हर हाल में रोकना होगा। महासचिव का कहना है कि यूएन की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हम वर्ष 1945 जैसे ही समय का सामना कर रहे हैं जब पूरी दुनिया विश्‍व युद्ध के साए में जीने को मजबूर थी। उन्होंने ध्यान दिलाया कि मौजूदा आपात हालात पर काबू पाने के लिये एकजुटता और मजबूत एकता के साथ प्रयास करने होंगे, दुनिया को आगे बढ़ाना होगा और यूएन चार्टर के मूल्यों को बरकरार रखते हुए समृद्धि सुनिश्चित करनी होगी।

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