गाजियाबाद में बन रहे डिटेन्शन सेन्टर का मायावती ने किया विरोध
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने गाजियाबाद में बन रहे डिटेन्शन सेन्टर का विरोध किया है. योगी सरकार गाजियाबाद में स्थित अम्बेडकर छात्रावास को डिटेन्शन सेंटर के रूप में विकसित करना चाहती है. इस छात्रावास का निर्माण तब हुआ था जब मायावती मुख्यमंत्री थीं. मायावती ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए इसे दलित विरोधी बताया. उन्होंने योगी सरकार से यह फैसला वापस लेने की मांग की है.
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि गाजियाबाद में बीएसपी सरकार द्वारा निर्मित बहुमंजिला डा. अम्बेडकर एससी/एसटी छात्र हास्टल को ‘अवैध विदेशियों’ के लिए यूपी के पहले डिटेन्शन सेन्टर के रूप में कनवर्ट करना अति-दुःखद व अति-निन्दनीय. यह सरकार की दलित-विरोधी कार्यशैली का एक और प्रमाण. सरकार इसे वापस ले बीएसपी की यह मांग.
गौरतलब है कि, साल 2011 में गाजियाबाद के नंदग्राम में एससी-एसटी छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग अम्बेडकर छात्रावास बनाए गए थे. पिछले कई साल से छात्राओं वाला छात्रावास बंद है. देखरेख नहीं होने के कारण इसकी इमारत जर्जर हो चुकी थी. छात्राओं वाले छात्रावास को डिटेंशन सेंटर बनाने के लिए केंद्र सरकार से बजट जारी हुआ था.
गाजियाबाद में बीएसपी सरकार द्वारा निर्मित बहुमंजिला डा. अम्बेडकर एससी/एसटी छात्र हास्टल को ’अवैध विदेशियों’ के लिए यूपी के पहले डिटेन्शन सेन्टर के रूप में कनवर्ट करना अति-दुःखद व अति-निन्दनीय। यह सरकार की दलित-विरोधी कार्यशैली का एक और प्रमाण। सरकार इसे वापस ले बीएसपी की यह माँग।
— Mayawati (@Mayawati) September 17, 2020
नंदग्राम में उत्तर प्रदेश का पहला डिटेंशन सेंटर बनकर तैयार हो गया है. पिछले एक साल से इसमें काम चल रहा था. इसमें यूपी में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को रखा जाएगा. नियमानुसार द फॉरेनर्स एक्ट, पासपोर्ट एक्ट का उल्लंघन करने वाले विदेशी नागरिकों को तब तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है, जब तक कि उनका प्रत्यर्पण न हो जाए.