भारत-चीन विवाद : चीन को ताकत दिखाने के लिए लद्दाख में राफेल ने भरी उड़ान
भारत और चीन विवाद के बीच दोनों देशों के शीर्ष सैन्य कमांडरों के बीच चीनी क्षेत्र मोल्डो में होने वाली अहम बैठक से ठीक पहले लद्दाख में भारतीय वायुसेना के राफेल और मिराज लड़ाकू विमान ने उड़ान भरकर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है.
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उत्पन्न सीमा विवाद के बाद यह छठवें दौर की लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत है. बता दें कि चीन के साथ चल रही तनातनी को देखते हुए वायुसेना ने अपने सुखोई और मिराज विमान की तैनाती पहले से यहां पर कर रखी है.
सूत्रों के मुताबिक राफेल में सुरक्षा के लिहजा से रविवार को लद्दाख और उसके आसपास के क्षेत्रों में उड़ान भरी. राफेल के बाद कुछ मिराज विमान भी इलाके में उड़ान भरते देखे गए हैं. बता दें कि भारतीय वायुसेना ने 10 सितंबर को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर राफेल विमान को वायुसेना में शामिल किया था. इससे पूर्व जुलाई के आखिर में फ्रांस से पांच राफेल विमान अंबाला पहुंचे थे.
बता दें कि आज मोल्डो में होने वाली अहम बैठक में 10 सितंबर को मास्को में भारत एवं चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुए समझौते के क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित किए जाने की संभावना है. एक सूत्र ने कहा, हम टकराव के सभी बिंदुओं से चीनी बलों को शीघ्र एवं पूरी तरह पीछे हटाने पर जोर देंगे.
यह सीमा पर शांति स्थापित रखने की दिशा में पहला कदम है भारत-चीन के बीच होने वाली इस कमांडर स्तर की वार्ता से पहले शनिवार को भारतीय सेना की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी. इस बैठक में एनएसए अजीत डोभाल और सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत आला अधिकारी शामिल हुए थे. इस बैठक में भारत की तरफ से चीन के सामने कौन-कौन से मुद्दे उठाए जाएंगे ये तय किया गया था.
भारत और चीन की सेनाओं के बीच कोर कमांडरों बैठक से पहले भारत ने पैगोंग झील के तनातनी के इलाके में करीब 20 से ज्यादा चोटियों पर अपने आपको और मजबूत कर लिया है. इस बात की जानकारी रविवार को सरकार के एक सूत्र ने दी.
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना लद्दाख में आसमान में निगरानी के लिए नये शामिल हुए राफेल जेट का उपयोग कर रहा है, पिछले तीन हफ्तों में चीनी सैनिकों द्वारा उत्तेजक कार्रवाई के मद्देनजर लड़ाकू तत्परता दिखाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है. चीनी उत्तेजक कार्रवाईयों में हवाई फायर किए जाने की तीन घटनाएं भी शामिल हैं.