राजधानी लखनऊ से फर्जी शिक्षक का मामला आया सामने फर्जी टीचरों से कर रहा था वसूली
यूपी में फर्जी शिक्षकों की तैनाती का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामले में एसटीएफ ने मानव संपदा पोर्टल से फर्जी शिक्षकों की जानकारी निकालकर कर उनसे वसूली करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. एसटीएफ ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को लखनऊ के गोमतीनगर इलाके से गिरफ्तार किया है. एसटीएफ ने इनके पास से 60 हजार रुपए भी बरामद किए है. इस गिरोह का मास्टरमाइंड यदुनंदन यादव खुद भी फर्जी शिक्षक है और बाराबंकी के स्कूल में प्रमोद कुमार सिंह के फर्जी नाम से नौकरी कर रहा था.
आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि सूबे के कई सरकारी स्कूलों में फर्ज़ी और दूसरों की मार्कशीट व सर्टिफिकेट से नौकरी करने वालों की सूचना मिल रही थी. जिसको देखते हुए ऐसे मामलों की जांच में एएसपी सत्यसेन यादव की टीम को लगाया था. इस टीम को जानकारी मिली कि मूल रूप से गोरखपुर का रहने वाला यदुनंदन यादव बाराबंकी के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में प्रमोद सिंह के नाम से नौकरी कर रहा है.
एसटीएफ ने गुप्त जांच शुरू की तो पता चला कि ये फर्ज़ी शिक्षक यदुनंदन मानव संपदा पोर्टल से फर्ज़ी शिक्षकों को तलाशता है और उन्हें मानव संपदा अधिकारी बन कर फोन करता है और भेद खोलने का डर दिखाकर वसूली करता है. इस काम में यदुनंदन का भाई सत्यपाल भी उसकी मदद करता है. सोमवार को दोनों भाईयों ने एक फर्ज़ी शिक्षक प्रमोद कुमार यादव को वसूली के लिए बुलाया था. विभूतिखंड में वेव मॉल के सामने एसटीएफ ने तीनों को धर दबोचा. आरोपियों से साठ हजार रुपये और फर्ज़ी दस्तावेज भी बरामद हुए हैं.
आईजी एसटीएफ ने बताया कि यदुनंदन ख़ुद फर्ज़ी शिक्षक था, इसलिए मानव संपदा पर पड़ी जानकारियों से फर्ज़ी शिक्षकों को आसानी से पहचान लेता था और उनसे वसूली शुरू कर देता था. यदुनंदन का भाई कभी यदुनन्दन का चपरासी और कभी ड्राइर बनकर शिकार को झांसे में लेता था.