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बिहार : DGP की कुर्सी छोड़ गुप्तेश्वर पांडे ने लिया विधानसभा का चुनाव लड़ने का फैसला

बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने अपने सेवाकाल से 5 महीने पहले ही पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति यानी VRS ले कर सबको चौंका दिया है. बिहार के तेज-तर्रार आईपीएस ऑफिसर और हाल ही में सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर सुर्खियों में रहे गुप्तेश्वर पांडेय के इस कदम के बाद अब उनकी राजनीति में एंट्री लगभग तय मानी जा रही है.

बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले गुप्तेश्वर पांडे ने सेवानिवृत्ति से 5 महीने पहले ही नौकरी छोड़ी है, जिसके बाद उनके विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर चल रही अटकलों को काफी बल मिला है. ऐसा माना जा रहा है कि वो बक्सर (जो कि उनका गृह जिला भी है) विधानसभा सीट से चुनावी ताल ठोक सकते हैं.

दरअसल, रिटायरमेंट के एक दिन पहले ही गुप्तेश्वर पांडे बक्सर गए थे, जहां सिविल ड्रेस में उनकी एक तस्वीर बक्सर जिला के जेडीयू अध्यक्ष के साथ वायरल हुई थी, हालांकि, उन्होंने इस तस्वीर को राजनीति से जोड़ने की बात नहीं की थी, लेकिन इसके सोशल मीडिया में आने के एक दिन बाद ही उन्होंने वीआरएस ले लिया.

माना जा रहा है कि गुप्तेश्वर पांडेय बक्सर सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी और वर्तमान विधायक मुन्ना तिवारी के खिलाफ चुनावी ताल ठोकेंगे. 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडे ने अपने सेवाकाल में दूसरी बार इस्तीफा दिया है. वो इससे पहले कई जिलों के एसपी और डीआईजी के अलावा मुजफ्फरपुर के जोनल आईजी भी रह चुके हैं.

बिहार के डीजीपी के रूप में उन्होंने 2019 में कुर्सी संभाली थी. जिस हिसाब से गुप्तेश्वर पांडेय के वीआरएस को सरकार ने मंजूर किया है वैसे मैं उनके राजनीति में आने का ऐलान औपचारिक घोषणा मात्र रह गई है. गुप्तेश्वर पांडेय ने इससे पहले भी साल 2009 में अपने पद से ले लिया था, लेकिन लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने वापस लिया था,

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