बड़ी खबर : उपसभापति हरिवंश ने अपना एक दिवसीय उपवास तोड़ा
राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने अपना एक दिन का उपवास तोड़ दिया है. उन्होंने 20 सितंबर को कृषि विधेयकों के पारित होने के दौरान विपक्षी सांसदों द्वारा सदन में उनके साथ किए गए अनियंत्रित व्यवहार के खिलाफ ये उपवास रखा था.
राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह ने घोषणा की थी कि वह रविवार को सांसदों द्वारा किए गए बेलगाम व्यवहार के विरोध में एक दिन का अनशन करेंगे. यह बात उनके द्वारा धरने पर बैठे सांसदों को मंगलवार सुबह चाय परोसने के बाद सामने आई. इन सांसदों को कृषि विधेयकों के पारित होने के दौरान सदन में अनियंत्रित व्यवहार करने पर निलंबित कर दिया गया था.
इसके बाद उपसभापति ने सभापति को पत्र लिखकर कहा कि लोकतंत्र के नाम पर सदन में हिंसक व्यवहार हुआ. वह अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए एक दिन का अनशन करेंगे. उन्होंने जोर देते हुए पत्र में लिखा था कि वह जेपी के गांव में पैदा हुए थे, जिनके सामाजिक सुधार आह्वान ने अतीत में भारत की राजनीति को बदल दिया था. गांधी, जेपी, लोहिया और कर्पूरी ठाकुर जैसे लोगों के सार्वजनिक जीवन ने उनको हमेशा प्रेरित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके इस कदम की सराहना भी की थी.
प्रधानमंत्री ने कहा माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा, उसे मैंने पढ़ा. पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है. यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी. इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी. मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें
संसद परिसर में मंगलवार सुबह धरने पर बैठे राज्यसभा के निलंबित 8 सदस्यों के लिए राज्यसभा के उप-सभापति हरिवंश नारायण सिंह चाय-नाश्ता लेकर पहुंचे थे. लेकिन इन सांसदों ने पाय पीने से इनकार कर दिया था. इसके बाद उप सभापति हरिवंश ने विपक्षी सांसदों द्वारा किए गए अनियंत्रित व्यवहार के खिलाफ 24 घंटों के लिए उपवास रखने का ऐलान कर दिया था. हालांकि इन सांसदों ने अपना धरना अब खत्म कर दिया है.
दरअसल, उच्च सदन में रविवार को कृषि संबंधित विधेयक के पारित होने के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने भारी हंगामा किया था. सरकार ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, डोला सेन, माकपा के इलामरम करीम, के के रागेश, आप के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा को शेष सत्र के लिए निलंबन का एक प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनि मत से पारित कर दिया.