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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 43 पुलो का करेंगे उद्घाटन जाने कहा बने ये पुल

देश की सरहदों को सुरक्षित करने की दिशा में आज एक बड़ा दिन है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देश की सरहदों से सटे सात अलग अलग राज्यों और केंद्र शाति प्रदेशों में कुल 43 पुलों का ई-उदघाटन करेंगे. ये सभी स्थायी ब्रिज बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानि बीआरओ ने बना कर तैयार किए हैं. इस बीच बड़ी खबर ये भी है कि 3 अक्टूबर को प्रधाननंत्री नरेंद्र मोदी सामरिक महत्व की सुरंग, रोहतांग टनल का उदघाटन करने वाले हैं.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक बीआरओ द्वारा निर्मित इन 43 ब्रिज में से 10 जम्मू-कश्मीर में हैं, 07 लद्दाख, 02 हिमाचल प्रदेश, 04 पंजाब, 08 उत्तराखंड, 08 अरूणाचल प्रदेश‌ और 04 सिक्किम में है. इन सभी पुलों का उदघाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए करेंगे. इस दौरान हिमाचल प्रदेश, पंजाब, अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों के साथ साथ जम्मू कश्मीर और‌‌ लद्दाख के उप-राज्यपाल भी मौजूद रहेंगे. बीआरओ के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह इस दौरान मौजूद रहेंगे.

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 6 पुलों का किया  ई—उद्घाटन, सेना को आवाजाही में होगी सहूलियत

ये पहली बार है कि देश की अलग अलग सरहदों पर बने इतनी बड़ी तादाद में पुलों का एक साथ उदघाटन किया जा रहा है. पिछले चार महीने से चीन से चल रही तनातनी के चलते बीआरओ दिन-रात एक कर सीमाओं की नदी-नालों पर पुलों का निर्माण कर रही है. इन 43 पुलों में से 22 अकेले चीन सीमा पर जाने के लिए तैयार किए गए हैं. इनमें से एक हिमाचल प्रदेश के दारचा में तैयार किया गया है जो करीब 350 मीटर लंबा है.

43 bridges ready for army movement on the outskirts between China, Rajnath Singh will inaugurate ANN

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इन ब्रिज के साथ साथ राजनाथ सिंह इस मौके पर अरूणाचल प्रदेश के तवांग के लिए निचिफू टनल की आधारशिला भी रखेंगे. इन टनल का निर्माण भी बीआरओ कर रहा है और इसके बनने से एलएसी के महत्वपूर्ण इलाके तवांग तक जाने का सफर‌ आसान हो जाएगा और समय भी बचेगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैलाश मानसरोवर के  लिए लिंक रोड का उद्घाटन किया - Taja Khabar

आपको बता दें कि पिछले साढ़े चार महीने से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर भारत का चीन से टकराव चल रहा है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि रोहतांग टनल के जरिए सेना की सप्लाई लाइन पूर्वी लद्दाख के जरिए खुली रही. पूर्वी लद्दाख के अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश से‌ सटी एलएसी पर भी चीनी सेना की गतिविधियां हाल के दिनों में काफी बढ़ गई हैं. ऐसे में सेना की मूवमेंट के लिए इन पुलों की सख्त‌ जरूरत थी.

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