उत्तर प्रदेश खान के बेटे अब्दुल्लाह छे वर्ष तक नहीं लड़ सकेंगे चुनाव विधानसभा सचिवालय ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र :-
आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के अगले 6 साल तक चुनाव लड़ने पर लगाई गयी है रोक। इसके लिए विधानसभा ने पत्र राष्ट्रपति को भेजा है जिसमें चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग करि जा रही है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2018 को अब्दुल्ला आज़म खान को भ्रष्ट आचरण का दोषी का करार दिया था।
आजम खान के साथ सीतापुर जेल में बंद हैं अब्दुल्ला, 2017 में वह सीट के विधायक पर उमीदवार माने गए थे।
उत्तर प्रदेश के रामपुर का भार विधानसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव से पहले सपा नेता को एक और संगीन झटका लगा सकते है । अब्दुल्लाह आजम खान के 6 साल चुनाव ना लड़ने पर रोक लगाई जा सकती है । इस संबंध में उत्तर प्रदेश विधान सभा सचिवालय ने गुरुवार को राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। जिस पर भारत निर्वाचन आयोग से सहमत कराने के बाद उनके चुनाव लड़ने पर रोक का आदेश जारी किया जा सकता है। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में इनको इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2018 को अब्दुल्ला आज़म खान को भ्रष्ट आचरण का आरोपी करार देते हुए उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द करा दी थी।
सीतापुर जेल में बंदी है अब्दुल्ला आजम खान:-
फर्जी जन्मतिथि के मामले में रामपुर की सारी विधानसभा की सदस्यता रद्द करवाने वाले अब्दुल्ला आजम खान, पिता आजम खान और मां के साथ सीतापुर जेल में बंद है। जमानत मिलने के बाद जेल से चुनाव के लिए उमीदवार बनने का विचार बनाया है। इस पर चर्चा समाजवादी पार्टी विचार कर रही थी। अब्दुल्लाह आजम खान ने 2017 में स्वार सीट से विधायक चुने गए थे।
नवाब काजिम अलीखान ने की थी अब्दुल्ला की शिकायत:
पूर्व विधायक नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां ने अब्दुल्ला के फर्जी जन्मतिथि के मामले चुनाव लड़ने की रोक लगाने की मांग की थी। उस समय उनकी उम्र 25 साल नहीं थी वह नकली जन्मतिथि के आधार पर चुनाव लड़ने केआरोप को सही अनुभाग लगा लिया गया है पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिसंबर 2018 में उनके इन्ही कारण को झूठा साबित करा दिया।
विधानसभा ने सदस्यता खारिज कर दी थी|
विधान सभा सचिवालय में बैठकों से यह साफ़ ज़ाहिर हुआ है या दोषी है अब उनका या पत्र खारिज कर दिया है :-
अब विधायक सचिवालय भ्रष्ट आचरण का दोषी माने जाने पर लोक अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत अब्दुल्लाह आजम खान के चुनाव लड़ने रोक लगाने की आशंका नहीं बल्कि इस बार प्रतिबन्ध रोक लगा दी है । इस संबंध में प्रमुख सचिव विधानसभा की ओर से राष्ट्रपति को एक पत्र भेजा गया है।