आखिरकार लंबी कवायद के बाद पूर्वोत्तर रेलवे मंडुआडीह का नाम हुआ बनारस…
आखिरकार लंबी कवायद के बाद पूर्वोत्तर रेलवे मंडुआडीह का नाम बनारस हो गया। शासन के आदेश पर जिला प्रशासन ने भी नोटिफिकेशन जारी कर दिया। रेलवे बोर्ड की ओर से भी स्टेशन का नाम बनारस करने का आदेश दिया। डीआरएम वाराणसी के आदेश पर नाम परिवर्तन की कवायद शुरू हुई लेकिन अचानक इस कवायद पर रोक लगाते हुए फिर से स्टेशन का नाम मंडुआडीह कर दिया गया। वजह, अब पीएम मोदी इस बदले नाम बनारस स्टेशन का लोकार्पण करेंगे। 19 अक्टूबर को काशी आने की संभावना जताई जा रही है। पीएम के आगमन को लेकर रेलवे में क्या तैयारी चल रही है।
बीते दिनों ही राज्यपाल की संस्तुति मिलने के बाद मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अब बनारस स्टेशन कर दिया गया है। इस बाबत रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर मंडुआडीह से बनारस नाम बदलने की जानकारी साझा कर खुशखबरी बनारस काे दिया था। जबकि बीते वर्ष वाराणसी के लोगों की मांग पर तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने नाम परिवर्तन कराने का प्रयास शुरु किया था।
वाराणसी को तीन प्रमुख नामों क्रमश: बनारस, काशी और वाराणसी के नाम से जाना जाता है। यहां पर दो नामों से रेलवे स्टेशन मौजूद हैं लेकिन बनारस नाम का स्टेशन न होने से बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए मंडुआडीह स्टेशन का बनारस से जुड़ाव न समझ आने की वजह से ही लोगों में बनारस स्टेशन नाम की डिमांड होने लगी थी। जबकि कैंट रेलवे स्टेशन पर काफी ट्रेनों का दबाव होने की वजह से कई ट्रेनें मंडुआडीह से संचालित होने लगी थीं ऐसे में पर्यटकों की दुश्वारी को देखते हुए मंडुअाडीह का नाम बदलकर बनारस करने की तैयारियों को अंतिम रुप इन दिनों दिया जा रहा है। उम्मीद पूरी है कि आने वाले माह में पीएम के काशी आने की संभावना को देखते हुए बनारस स्टेशन का भी लोकार्पण पीएम के द्वारा ही किया जाए। विभागीय सूत्रों की ओर से भ्ाी इस बाबत जानकारी दी गई है कि पीएम के आने को लेकर तैयारियां पूरी रखी जाएं।