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उत्तर प्रदेश में रोजगार गारंटी स्कीम लाने की तैयारी में योगी सरकार

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानि मनरेगा की तर्ज पर शहरों और कस्बों में हर परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार देने की गारंटी की तैयारी कर रही है. यह रोजगार सरकारी, गैर सरकारी, निजी क्षेत्र, कौशल प्रशिक्षण या स्वरोजगार के माध्यम से हो सकेंगे.

जिस तरह गांव में मनरेगा के तहत हर परिवार के सदस्य को कम से कम 100 दिन के रोजगार की गारंटी है, उसी तरह शहरी क्षेत्रों की हर परिवार के एक सदस्य को रोजगार के कानूनी अधिकार देने की तैयारी है.

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उत्तर प्रदेश शासन में इसके लिए संवैधानिक रोजगार आयोग के गठन पर विचार किया जा रहा है. इसका प्रस्ताव तैयार करा लिया गया है. आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सरकार इसका औपचारिक ऐलान कर सकती है. इसके तहत व्यवस्था दी जा रही है कि रोजगार आयुक्त रोजगार आयोग को रिपोर्ट करेगा.

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रोजगार आयुक्त को ये अधिकार होगा कि वह किसी भी विभाग, सरकारी या निजी संस्था को रोज़गार या कौशल विकास से सम्बंधित निर्देश दे सके. प्रस्ताव में ये भी सुझाव दिया गया है कि वर्तमान में यह आयोग उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में काम कर सकता है.

बता दें उत्तर प्रदेश में रोजगार को लेकर मुख्यमंत्री लगातार घोषणाएं कर रहे हैं. प्रदेश में सरकारी भर्ती के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी के बीच में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को रोजगार देने के लिए भर्तियों को तेजी से आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है.

उन्होंने विभिन्न विभागों से खाली पदों का ब्यौरा मांगा है. कोरोना आपदा के कारण गहराए रोजगार के संकट के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य सरकार के सभी विभागों में रिक्त पदों पर तीन महीने में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है. यह प्रक्रिया पूरी कर चयनित अभ्यर्थियों को अगले छह महीने में नियुक्ति पत्र थमाने को भी कहा गया है.

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