वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी ने देश के युवाओं और वैज्ञानिकों का मांगा सहयोग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विश्व भारतीय वैज्ञानिक शिखर सम्मेलन (वैभव समिट) को संबोधित किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने देश के युवाओं में विज्ञान के प्रति रुचि विकसित करने पर बल दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने उन वैज्ञानिकों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने अपने उपयोगी सुझाव और विचार पेश किए.
पीएम मोदी ने इस दौरान आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता के लिए वैज्ञानिकों का सहयोग मांगा. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के स्पष्ट आह्वान में, वैश्विक कल्याण की दृष्टि शामिल है. इस सपने को साकार करने के लिए आप सभी वैज्ञानिकों को आमंत्रित करता हूं. आपका समर्थन चाहता हूं. हाल ही में भारत ने अग्रणी अंतरिक्ष सुधारों की शुरुआत की. ये सुधार उद्योग और शिक्षा दोनों के लिए अवसर प्रदान करते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने कई उपाय किए हैं. विज्ञान सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों की दिशा में हमारे प्रयासों के मूल में है. हमने सिस्टम में जड़ता को तोड़ा है. पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में, हमारे टीकाकरण कार्यक्रम में चार नए टीके लगाए गए. इसमें स्वदेशी रूप से विकसित रोटावायरस वैक्सीन शामिल था. हम स्वदेशी वैक्सीन उत्पादन को प्रोत्साहित करते हैं.
पीएम मोदी ने विज्ञान की मदद से खेती-किसानी को पहुंचे लाभ का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हम अपने किसानों की मदद के लिए शीर्ष श्रेणी के वैज्ञानिक अनुसंधान चाहते हैं. हमारे कृषि अनुसंधान वैज्ञानिकों ने दालों का उत्पादन बढ़ाने में कड़ी मेहनत की है. आज हम अपनी दाल का बहुत कम हिस्सा आयात करते हैं. पीएम ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि अधिक से अधिक युवा विज्ञान में रुचि विकसित करें. उसके लिए, हमें अच्छी तरह विज्ञान के इतिहास के बारे में परिचित होना होगा.