उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बढ़ता प्रदूषण का खतरा
राजधानी में बढ़ता प्रदूषण अब आसमान में दिखाई देने लगा है। सुबह के वक्त आसमान में धुंध होने लगी है। कोहरे जैसा दिखाई देने वाला धुंध सांस के मरीजों के लिए खतरनाक है। इससे बचने के लिए वैज्ञानिकों ने धूप निकलने के बाद या मास्क पहनकर धीमी गति में टहलने की सलाह दी है।
आईआईटीआर के निदेशक प्रो. आलोक धवन ने कहा कि सुबह के वक्त मौसम ठंडा होने लगा है। ऐसे में हवा में मौजूद धूल के कण काफी नीचे आ गए हैं। यह धुंध के रूप में हमे दिखाई दे रहे हैं। सुबह टहलने वालों के लिए यह नुकसानदेय है। उन्होंने बिना मास्क टहलने से बचने की सलाह दी है।
क्योंकि बिना मास्क के टहलने पर प्रदूषण की अधिकतम मात्रा शरीर के अंदर प्रवेश कर जाएगी। यह मुसीबत का कारण बन सकती है। उन्होंने कहा कि टहलते वक्त मास्क जरूर लगाएं और तेज गति में टहलने से परहेज करें। क्योंकि तेज टहलने पर सांस लेने में परेशानी हो सकती है। हरियाली वाले स्थान पर टहलना सबसे अच्छा है। यहां प्रदूषण के कण पेड़-पत्तियों पर चिपक जाते हैं। ऐसे स्थानों पर टहलने में कोई परेशानी नहीं होगी।
वरिष्ठ पर्यावरण वैज्ञानिक व स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइसंसेज के महानिदेशक प्रो. भरतराज सिंह ने कहा कि जब तक पर्यावरण में नमी रहेगी तब तक प्रदूषण के कण एक निश्चित ऊंचाई पर टिके रहेंगे। धूप निकलते ही वह ऊंचाई पर चले जाएंगे। इस मौसम में धूप निकलने पर टहलना ही स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। साथ ही कहा कि घरों के आसपास प्रदूषण की मात्रा को कम करने के लिए पानी का छिड़काव जरूरी है। इससे आसपास नमी के कारण धूल के कण जमीन पर आ जाएंगे।