दिल्ली में डेढ़ महीने बाद 90 फ़ीसदी के करीब पहुंची कोरोना रिकवरी की दर
राजधानी में कोरोना से हालात बेहतर होते जा रहे हैं। एक सप्ताह से संक्रमितों के मुकाबले ज्यादा मरीज ठीक हो रहे हैं। इससे रिकवरी दर भी बढ़ रही है। डेढ़ महीने बाद यह दर फिर से 90 फ़ीसदी के करीब पहुंच गई है। विशेषज्ञ अनुमान जता रहे हैं कि आने वाले दिनों में रिकवरी रेट और भी बेहतर होगी।
दिल्ली में अगस्त के पहले सप्ताह में रिकवरी दर 90 फ़ीसदी से ज्यादा हो गई थी और 15 अगस्त तक इसी के आसपास बनी हुई थी। इसके बाद सरकार ने जांच की संख्या बढ़ाकर चार गुना किया। इससे दैनिक मामलों में भी इजाफा होने लगा। संक्रमण के नए मरीजों के मुकाबले ठीक होने वाले मरीजों की संख्या कम होने लगी।
इससे रिकवरी दर घटते हुए सितंबर के दूसरे सप्ताह में 84 फ़ीसदी तक पहुंच गई थी। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, सात दिन में 20446 लोग संक्रमण से स्वस्थ हुए हैं, जो इस दौरान मिले कुल 19218 संक्रमितों से ज्यादा है। स्वस्थ होने वाले मरीजों के बढ़ने से रिकवरी दर भी बढ़कर 89.6% हो गई है।
अपोलो अस्पताल के डॉक्टर प्रवीण कुमार का कहना है कि रिकवरी दर उस समय इसलिए कम हो गई थी, क्योंकि औसतन 4200 दैनिक मामले आ रहे थे। उसके मुकाबले कम मरीज ठीक हो रहे। अब हालात बदल रहे हैं और रोजाना 3500 मरीज ठीक हो रहे हैं।
उन्होंने कहा की रिकवरी दर का फिर से बढ़ना और 90 फ़ीसदी करीब पहुंचना यह दर्शाता है कि अब वायरस कमजोर होने लगा है। डॉ प्रवीण के मुताबिक, सरकार ने जिस हिसाब से रोजाना 60 हजार जांच की है। उससे संक्रमण पर लगाम लगाने में काफी मदद मिली है। इसके साथ ही होम आइसोलेशन में दी जा रही बेहतर सुविधाओं का भी काफी लाभ मिला है।
विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने और रिकवरी दर बढ़ने में लगातार कंटेनमेंट जोन बनाने की रणनीति का काफी लाभ मिला है।
नई रणनीति के तहत रोजाना औसतन 60 कंटेनमेंट जोन बनाए गए ।यहां संक्रमितों के संपर्क में आए सभी लोगों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट किया गया। इससे समय रहते सभी लोगों को इलाज मिल गया और वह ठीक हो गए। इसके अलावा अस्पतालों में आईसीयू और नॉर्मल बेड बढ़ाने का भी काफी लाभ मिला है।
ऐसे बढ़ी रिकवरी दर
तारीख : रिकवरी दर
12 से 18 सितंबर 84
18 से 23 सितंबर 85
23 से 27 सितंबर 87
27 से 2 अक्तूबर- 88
2से 4अक्तूबर- 89.6